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अगर आपके पास भी है किसी बैंक में एफडी तो समझ लें टीडीएस का पूरा गणित, आपको हो रहा कितना घाटा

अक्सर हम एफडी में निवेश करते समय बैंक द्वारा ऑफर की गई ब्याज को आधार बनाकर अपने लाभ का कैलकुलेशन करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि टीडीएस काटने के बाद अंत में आपको कितना घाटा उठाना पड़ता है।

By Ankita PandeyEdited By: Ankita PandeyPublished: Sat, 27 May 2023 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 09:00 AM (IST)
अगर आपके पास भी है किसी बैंक में एफडी तो समझ लें टीडीएस का पूरा गणित, आपको हो रहा कितना घाटा
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है और यह एक लोकप्रिय निवेश साधन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तरह के निवेश पर टैक्स के बाद का रिटर्न आमतौर पर बैंक द्वारा दिए जाने वाले ब्याज से कम होता है। अगर आपको टर्म डिपॉजिट पर 7 से 8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको टैक्स कटौतियों के बाद वही दर मिलेगी।

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ऐसा इसलिए है, क्योंकि सावधि जमा आय (एफडी इनकम) पर 10% टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) काटा जाता है, जिसे व्यक्ति की कुल आय में जोड़ा जाता है और टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।

क्या है टीडीएस का कैलकुलेशन?

उच्च टैक्स ब्रैकेट वाले व्यक्ति अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) को दाखिल करके टीडीएस वापस लेने का दावा नहीं कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सावधि जमा से कर के बाद मिलन वाला रिटर्न कम होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एसबीआई, पीएनबी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंजैसे बैंकों में 6 महीने की जमा राशि के लिए औसत ब्याज दर लगभग 5% है। हालांकि, टैक्स के बाद मिलने वाला रिटर्न केवल 3.49% है। इसी तरह, इन बैंकों में 5 साल की जमा राशि के लिए औसत ब्याज दर लगभग 6.75% है, लेकिन टैक्स के बाद जो रिटर्न हाथ में आता है, वह केवल 4.9% है।

क्या बैंक एफडी का है कोई विकल्प?

विशेषज्ञ निवेशकों को म्युचुअल फंड जैसे बाजार से जुड़े उत्पादों के साथ निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने का सुझाव देते हैं, क्योंकि ऐसी योजनाओं से आम तौर पर दीर्घकालिक रिटर्न मिलता है। निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो के एक हिस्से को बाजार से जुड़े उत्पादों जैसे म्यूचुअल फंड में बेहतर रिटर्न के लिए शिफ्ट करना चाहिए, क्योंकि एफडी पर टैक्स लगने के बाद रिटर्न खराब होता है।

म्युचुअल फंड पर कितना टैक्स?

म्यूचुअल फंड की आय भी कर लगता है, हालांकि ऐसी योजनाओं से आमतौर पर लंबी अवधि में उच्च रिटर्न मिलता है। इससे आय में जो कमी होती है, उस अपर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।

एफडी के क्या हैं फायदे?

इसके बावजूद, फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे हैं, खासकर उन निवेशकों के लिए जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है या सीमित आय है और जो पुराने और नए कर व्यवस्था के तहत बुनियादी छूट सीमा से कम कमाते हैं। कुछ बैंकों ने हाल ही में सावधि जमा ब्याज दरों में वृद्धि की है, जिसमें वरिष्ठ नागरिक को 9.6% तक ब्याज और अन्य को 9.1% तक ब्याज की पेशकश की जा रही है।

 


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