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    कैबिनेट ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई को 100% करने वाले विधेयक को दी मंजूरी, क्या हैं इसके मायनें

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 04:24 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है ...और पढ़ें

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    अब तक इस क्षेत्र में 82,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आ चुका है।

    नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, यह विधेयक संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जा सकता है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलने वाला है।
    लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के आगामी सत्र की कार्यसूची में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य बीमा क्षेत्र में प्रसार बढ़ाना, वृद्धि की रफ्तार बढ़ाना और कारोबारी सुगमता में सुधार लाना है।
    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करते समय बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश सीमा को 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था। अब तक इस क्षेत्र में 82,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आ चुका है। वित्त मंत्रालय ने बीमा अधिनियम, 1938 में कई प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। इनमें बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना, न्यूनतम चुकता पूंजी को घटाना और संयुक्त बीमा लाइसेंस की व्यवस्था शुरू करना शामिल है।
    एक व्यापक विधायी प्रक्रिया के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) अधिनियम, 1956 और बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) अधिनियम, 1999 में भी संशोधन किए जाएंगे। एलआईसी अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य उसके निदेशक मंडल को शाखा विस्तार और नई नियुक्तियों जैसे परिचालन संबंधी निर्णयों में अधिक अधिकार देना है। बीमा विधेयक में प्रस्तावित संशोधन मुख्य रूप से पॉलिसीधारकों के हितों को मजबूती देने, उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने और बीमा बाजार में अधिक कंपनियों के प्रवेश को आसान बनाने पर केंद्रित हैं।
    इससे आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी और रोजगार सृजन में भी सहयोग होगा। इन बदलावों से बीमा उद्योग की कार्यकुशलता बढ़ाने, कारोबारी सुगमता में सुधार लाने और बीमा के प्रसार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य 2047 तक ‘हर नागरिक के लिए बीमा’ का लक्ष्य हासिल करना है। बीमा अधिनियम, 1938 देश में बीमा व्यवसाय से संबंधित मूल कानून है। यह बीमा कंपनियों के संचालन और बीमाकर्ताओं, पॉलिसीधारकों, शेयरधारकों एवं बीमा नियामक इरडा के बीच संबंधों को विनियमित करता है।

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    भाषा इनपुट के साथ

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