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    अगर आप दूसरे राज्य या देश में चले जाएं तो क्या आपकी बीमा पॉलिसी वैलिड रहेगी? नहीं पता तो आज जान लीजिए

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 12:41 PM (IST)

    इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) अपने और प्रियजनों के लिए जरूरी है, जो मेडिकल खर्चों और आर्थिक सहायता प्रदान करती है। विदेश यात्रा करते समय, यह जानना जरूरी है कि क्या आपकी भारतीय पॉलिसी वहाँ भी मान्य है। जीवन और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसियाँ प्रीमियम भुगतान तक मान्य रहती हैं, लेकिन बीमाकर्ता को नए निवास के बारे में बताना चाहिए।

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    शहर बदलने पर बीमा पॉलिसी वैलिड रहती है या नहीं

    नई दिल्ली। इंश्योरेंस उन सबसे जरूरी चीजों में से एक है, जिसे लोग अपने और अपने प्रियजनों के लिए खरीद सकते हैं। यह लोगों के मेडिकल बिल और हादसे में हॉस्पिटल खर्च और अचानक मृत्यु के मामले में परिवार को आर्थिक सपोर्ट देता है।
    लेकिन क्या होगा अगर आप विदेश जा रहे हैं? क्या भारत में खरीदी गई इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) आपको दूसरे देश में भी फाइनेंशियली कवर करेगी? आइए जानते हैं।

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    अगर देश में ही एक से दूसरी जगह जाएं तो

    इंश्योरेंस की वैलिडिटी पॉलिसी के टाइप और आपकी नई जगह पर निर्भर करती है। एक ही देश के अंदर इधर से उधर जाने पर, आपका इंश्योरेंस वैलिड रहता है, लेकिन आपको बीमा कंपनी के पास अपना पता अपडेट करना होगा।

    वहीं गाड़ी के इंश्योरेंस के लिए, अगर आप किसी दूसरे राज्य में जा रहे हैं तो नए राज्य के RTO में गाड़ी को फिर से रजिस्टर कराना होगा।

    विदेश जाने पर क्या है नियम

     

    विदेश में जाने पर, लाइफ और टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी अक्सर तब तक वैलिड रहती है जब तक प्रीमियम पे किया जाता है, लेकिन आपको क्लेम की दिक्कतों से बचने और इंटरनेशनल पाबंदियों को चेक करने के लिए इंश्योरर को अपने नए रेजिडेंशियल स्टेटस और नई जगह के बारे में बताना होगा।

    सारी पॉलिसी नहीं होतीं कवर

    एक बात और कि आपको कोई भी पॉलिसी लेने से पहले ये चेक करना होगा कि आपको विदेश में वो पॉलिसी कवर करेगी या नहीं। अगर नहीं तो फिर जवाब क्लियर है। इसलिए यदि आप विदेश जाएंगे तो पॉलिसी (हेल्थ, टर्म या कोई और) लेने से पहले ही कंफर्म करें।


    हेल्थ इंश्योरेंस को ध्यान से रिव्यू करने की जरूरत होती है, क्योंकि कवरेज और प्रीमियम लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। दूसरी बात कि कुछ प्लान में इंटरनेशनल कवरेज ऑप्शन होते हैं जिन्हें अपग्रेड करने की ज़रूरत हो सकती है।

    प्रीमियम पर क्या पड़ेगा असर

    वहीं कुछ इंश्योरेंस कंपनियाँ शहरों को जोन में बांटती हैं, और आपके नई जगह जाने के आधार पर आपका प्रीमियम कम या ज्यादा हो सकता है। अगर प्रीमियम कम है तो आप रिफंड पाने के लिए अपनी पॉलिसी अपडेट कर सकते हैं या बेहतर बेनिफिट्स के लिए अपग्रेड कर सकते हैं।

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    इन तीन बातों का रखें ध्यान

    • जैसे ही आपको पता चले कि आप कहीं और जा रहे हैं, अपने इंश्योरेंस प्रोवाइडर से संपर्क करना जरूरी है ताकि आप समझ सकें कि आपकी पॉलिसी पर क्या असर पड़ेगा और आपको क्या कदम उठाने होंगे
    • ध्यान रखें कि इंश्योरेंस के नियम और तरीके अलग-अलग देशों में काफी अलग-अलग होते हैं
    • अपनी स्थिति के बारे में किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें