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    हॉस्पिटल्स और इंश्योरेंस कंपनियों में फिर टकराव, अब इस बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के कैशलेस पर संकट, कहीं आपके पास तो नहीं इसकी पॉलिसी?

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 02:30 PM (IST)

    जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने स्टार हेल्थ को समर्थन दिया है AHPI द्वारा कैशलेस सेवा निलंबित (Health Insurance) करने की धमकी का विरोध किया है। GIC ने कहा कि AHPI का कदम पॉलिसीधारकों के हितों को नुकसान पहुंचाता है। काउंसिल ने AHPI से सहयोग करने की अपील की है ताकि कैशलेस सेवाएं बिना रुकावट मिलती रहें।

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    जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने आज स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस को पूरी तरह से समर्थन देने की घोषणा की है।

     नई दिल्ली। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने आज स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस (Health Insurance)  को पूरी तरह से समर्थन देने की घोषणा की है।

    यह कदम एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (AHPI) की एकतरफा और अनुचित रूप से कैशलेस सर्विस निलंबित करने की धमकी के विरोध में उठाया गया है।

    GIC ने अपने बयान में कहा कि AHPI का यह कदम न सिर्फ पॉलिसीधारकों के हितों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पूरे हेल्थ इंश्योरेंस सिस्टम में लोगों के भरोसे को भी कमजोर करता है।

    बैठक टाली, फिर भी उठाया गया एकतरफा कदम

    जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने बताया कि उसने 2 सितंबर 2025 को AHPI के साथ एक बैठक तय की थी ताकि मुद्दों का सकारात्मक और रचनात्मक समाधान निकाला जा सके।

    लेकिन AHPI ने इस बैठक को बिना कोई तारीख दिए अनिश्चित समय के लिए टाल दिया। इसके बावजूद एकतरफा कार्रवाई कर दी, जो सहयोग की बजाय टकराव का संकेत देती है।

    मरीजों की देखभाल से नहीं होनी चाहिए समझौता

    काउंसिल ने यह भी स्पष्ट किया कि टैरिफ नेगोशिएशन और बिलिंग प्रथाएं स्वास्थ्य बीमा और अस्पतालों के बीच आम व्यावसायिक प्रक्रियाएं हैं, और इन्हें मरीजों की देखभाल से जोड़कर कभी भी दबाव का हथियार नहीं बनाना चाहिए।

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    स्टार हेल्थ के पॉलिसीधारकों को आश्वस्त करते हुए काउंसिल ने कहा कि उन्हें कैशलेस हेल्थकेयर सेवाएं बिना किसी रुकावट के मिलती रहेंगी और उनका बीमा कवरेज पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।

    किसी भी प्रकार का व्यवधान खासकर आपातकालीन परिस्थितियों में परिवारों पर आर्थिक बोझ डालता है और मरीज की सेहत को जोखिम में डालता है।

    कैशलेस एवरीवेयर और NHCX जैसे सुधारों का जिक्र

    GIC ने बताया कि हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने हमेशा प्रयास किया है कि देशभर में लोगों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती इलाज मिल सके।

    इसके लिए "कैशलेस एवरीवेयर" (हर जगह कैशलेस की सुविधा) और नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज (NHCX) जैसे पहल किए गए हैं, जो पूरे देश में मरीजों को सीमलेस अनुभव प्रदान करते हैं।

    हाल ही में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST हटाने का निर्णय भी लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।

    जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने AHPI से अपील की है कि वह इस तरह की चेतावनियों को तुरंत वापस ले और बीमाकर्ताओं के साथ सहयोग की भावना से बातचीत करे ताकि सभी पॉलिसीधारकों को बिना किसी रुकावट के कैशलेस सेवाएं मिलती रहें।

    जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के बारे में

    जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की स्थापना बीमा अधिनियम 1938 की धारा 64C के तहत 2001 में IRDAI ने की थी।

    यह काउंसिल नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर और बीमा नियामक संस्था (IRDAI) के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करती है। साथ ही यह सरकार के सामने बीमा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को भी सामने लाने का काम है।

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