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    सबका बीमा सबकी सुरक्षा: तेज क्लेम सेटलमेंट से नई-नई पॉलिसियों तक, आम जनता को मिलेंगे ये 10 बड़े फायदे

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 11:03 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर में सुधार के लिए 'सबका बीमा, सबकी सुरक्षा' (sabka bima sabki raksha) विधेयक पारित किया है। इसके तहत बीमा क्षेत्र में ...और पढ़ें

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में बड़े रिफॉर्म की तैयारी कर ली है। इसके लिए नई बीमा पॉलिसी लाई जा रही है। इससे जुड़ा बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है, जिसे 'सबका बीमा, सबकी सुरक्षा' विधेयक (Insurance Act Ammendment Bill 2025) भी कहा जा रहा है।
    इस बिल के जरिए 100 साल पुराने बीमा कानूनों में बड़ा बदलाव होगा। इस बिल का सबसे बड़ा पहलू है बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लिमिट को मौजूदा 74% से बढ़ाकर 100% करना। आइए जानते हैं कि इससे आम आदमी को कौन से बड़े फायदे मिलने जा रहे हैं।

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    1. बेहतर बेनेफिट्स के साथ सस्ती पॉलिसी - भारतीय बाजार में विदेशी कंपनियों के लिए 100% FDI होने से ग्लोबल इंश्योरेंस कंपनियों की संख्या बढ़ेगी, जिसके नतीजे में बाजार में कंपटीशन बढ़ेगा और बीमा कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए पॉलिसीज को सस्ता और बेहतर बनाएंगी। पब्लिक को फायदा मिलेगा कम प्रीमियम पर ज्यादा बेनेफिट्स वाली पॉलिसीज का।

    2. नए इनोवेटिव ग्लोबल इंश्योरेंस प्‍लान - ग्लोबल इंश्योरेंस कंपनियों के भारतीय बाजार में उतरने से नए और एडवांस पॉलिसीज की शुरुआत होगी। साइबर इंश्योरेंस, पेट इंश्योरेंस, और माइक्रो-इंश्योरेंस जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स ग्राहकों को उभरते जोखिमों से बचाएंगे। इससे फाइनेंशियल प्लानिंग मजबूत होगी और ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।

    3. जल्दी होंगे क्लेम सेटलमेंट - ग्लोबल इंश्योरेंस कंपनियों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा से सर्विस क्वालिटी में सुधार होगा। AI/ML जैसी नई टेक्नोलॉजी से क्लेम प्रोसेसिंग तेज होगी और भुगतान समय पर होगा। पॉलिसीधारकों को क्लेम के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जरूरत के समय वित्तीय सहायता तुरंत मिलेगी।

    4. ग्राहकों की ज्यादा सुरक्षा - IRDAI को नए कानून के तहत अधिक अधिकार मिले हैं, जिससे वह नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों से गलत तरीके से कमाए गए मुनाफे को वापस वसूल सकता है। इससे ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी और गलत बिक्री पर रोक लगेगी, और बीमा कंपनियों पर सख्त नियंत्रण होगा।

    5. अधिक लोगों तक बीमा सुविधा - FDI की सीमा हटने से बीमा कंपनियां ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में अपनी पहुंच बढ़ाएंगी। इससे डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क मजबूत होगा और बड़ी आबादी को आसान शर्तों पर बीमा पॉलिसी मिलेगी, जो अब तक बीमा से वंचित थी।

    6. ज्यादा बेहतर कस्टमर सर्विस - अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आने से कस्टमर सर्विस में सुधार होगा, और कंपनियां ग्लोबल स्टैंडर्ड की सेवाएं देंगी। पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों की शिकायतें तेजी से हल होंगी और उन्हें पॉलिसी की सही जानकारी मिलेगी, जिससे ग्राहक संतुष्टि बढ़ेगी।

    7. सुधरेगा इंश्योरेंस एजेंटों का व्‍यवहार - एजेंटों के लिए 'वन-टाइम रजिस्ट्रेशन' की व्यवस्था से प्रशासनिक काम कम होगा, जिससे वे ग्राहकों को बेहतर सलाह देने पर ध्यान दे सकेंगे। इससे एजेंट ज्यादा कुशल और कस्टमर-फोकस्ड बनेंगे, और पॉलिसीधारकों को सही पॉलिसी चुनने में मदद मिलेगी।

    8. LIC को ज्यादा आजादी - LIC को अब सरकार की मंजूरी के बिना नए जोनल ऑफिस खोलने और फैसले लेने की आजादी मिलेगी। इससे LIC प्राइवेट कंपनियों से मुकाबला कर सकेगी और बाजार की जरूरतों के हिसाब से तेजी से फैसले लेगी, जिससे पॉलिसीधारकों को बेहतर और तेज सर्विस मिलेगी।

    9. बीमा कंपनियां फाइनेंशियली होंगी मजबूत - 100% FDI से विदेशी कंपनियां ज्यादा पूंजी लाएंगी, जिससे भारतीय इंश्योरेंस सेक्टर में वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी। अधिक पूंजी से कंपनियां बड़े जोखिमों को कवर कर सकेंगी और क्लेम दायित्वों को पूरा करेंगी, जिससे पॉलिसीधारकों की सुरक्षा और क्लेम भुगतान सुनिश्चित होगा।

    10. इकोनॉमिक ग्रोथ और रोजगार - विदेशी निवेश से बीमा क्षेत्र और सहायक क्षेत्रों में नए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। इससे आर्थिक स्थिरता मजबूत होगी, GDP को बढ़ावा मिलेगा, और आम नागरिक को संकट में सुरक्षा मिलेगी। 'सबकी बीमा, सबकी रक्षा' नाम इस बिल के व्यापक फायदों को दर्शाता है।

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