नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल के दिनों में निर्माण, लॉ इंफोर्समेंट, मीडिया, मनोरंजन, कृषि, सर्वेक्षण और मानचित्र, निरीक्षण तथा निगरानी जैसे सेक्टर्स में ड्रोन (Drone) का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। हम यह तो जानते हैं कि अपनी गाड़ियों का बीमा कराना जरूरी होता है, ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में होने वाले नुकसान से बचा जा सके, लेकिन ड्रोन के केस में भी क्या यह जरूरी है?
अगर ड्रोन का इस्तेमाल किसी जरूरी सामान को लाने या ले जाने के लिए किया जा रहा हो, तब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या बीमा कंपनी ड्रोन का भी इंश्योरेंस करती है और अगर हां, तो किस स्तर तक नुकसान को कवर किया जाता है? आज हम इन्हीं से जुड़े सवालों को जवाब दे रहे हैं।
क्यों जरूरी है Drone का इंश्योरेंस?
जिस तरह से हाल के दिनों में ड्रोन के इस्तेमाल में तेजी आई है, इससे हीने वाले हादसों में भी इजाफा हुआ है। क्रिसमस 2022 के दिन एक डिलीवरी ड्रोन दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना की वजह से ड्रोन को तो नुकसान हुआ ही, साथ ही सामान का भी नुकसान हो गया। ऐसे में इस नुकसान की जिम्मेदारी किसकी होगी, इसके लिए ड्रोन का बीमा कराना जरूरी है।
ड्रोन रूल्स, 2021 के अनुसार, 250 ग्राम से बड़े सभी ड्रोन के लिए अनिवार्य रूप से थर्ड पार्टी बीमा होना आवश्यक है। 1988 के मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान, ड्रोन के थर्ड पार्टी बीमा और जीवन या संपत्ति के नुकसान के मामले में लागू होते हैं। थर्ड पार्टी बीमा कवर ड्रोन उड़ाते समय संपत्ति के क्षतिग्रस्त होने या लोगों के घायल होने की स्थिति में लाइबिलिटी से बचाता है।
LIC से जुड़े बीमा सलाहकार रंजन जगदाले के अनुसार, कुछ कंपनियां ड्रोन बीमा के तहत किसानों को फसल बीमा कवरेज का लाभ भी देती है। यह इकट्ठा किए गए डाटा से लाभ उठाने में मदद कर सकता है और नुकसान के मामले में फसल बीमा के लिए दावा दायर करने में सहायता कर सकता है।
ये संस्थान देते हैं बीमा कवरेज
भारत में ड्रोन बीमा बाजार अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। हालांकि, कुछ संस्थान इसके लिए कवरेज देते हैं। एचडीएफसी एर्गो, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, बजाज आलियांज और टाटा एआईजी और न्यू इंडिया एश्योरेंस ड्रोन पर बीमा कवरेज की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
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