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कंपोजीशन सप्लायर से खरीद करते समय नहीं करना कर भुगतान

देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद कंपोजीशन सप्लायर से खरीद करते समय कर भुगतान न करें

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 03 Jul 2017 11:17 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jul 2017 11:29 AM (IST)
कंपोजीशन सप्लायर से खरीद करते समय नहीं करना कर भुगतान
कंपोजीशन सप्लायर से खरीद करते समय नहीं करना कर भुगतान

जीएसटी लागू होने पर यदि कोई व्यापारी (जो जीएसटी में पंजीकृत है) किसी गैर पंजीकृत व्यापारी या व्यक्ति से माल खरीदता है और उस खरीद का टैक्स जमा कर देता है तो क्या उसको इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा या नहीं? क्या ऐसी खरीद वैध मानी जाएगी? क्या पंजीकृत व्यापारी को इसका रिकॉर्ड रखना होगा?

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जी हां, किसी पंजीकृत व्यक्ति को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सकती है बशर्ते कि वह अन्यथा भी इस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का पात्र हो। हां, यह एक वैध खरीद है। पंजीकृत व्यक्ति के लिए सभी प्रकार की खरीद का रिकॉर्ड रखना जरूरी है।

हमारी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड है जिसका कॉरपोरेट ऑफिस नोएडा में और रजिस्टर्ड ऑफिस दिल्ली में है। ऐसी स्थिति में क्या हमें दोनों जगहों पर रजिस्ट्रेशन लेना होगा? इसके अलावा हम अलग-अलग राज्यों में इवेंट आयोजन और प्रबंधन का बिजनेस करते हैं, तो क्या इसके लिए हमें उन राज्यों में जीएसटी का अस्थायी पंजीकरण कराना होगा?

उन सभी राज्यों में पंजीकरण कराना जरूरी है जहां से आपूर्ति हो रही हो।

हम हरियाणा में दुकान करते हैं, हमारा कारोबार सालाना 20 लाख रुपये से कम है। हम दिल्ली से माल मंगाते हैं। अब तक जिससे हम माल मंगाते थे, वह हमें पक्के बिल नहीं देता था। अब वह एक जुलाई के बाद पक्के बिल जीएसटी लगाकर देगा, तो क्या हमें उस माल पर टैक्स देना होगा?

दिल्ली में रहने वाले आपूर्तिकर्ता के लिए यह जरूरी है कि वह आइजीएसटी का भुगतान करे, जिसकी घोषणा वह आपको जारी किए जाने वाले बिल में करेगा। आपके लिए यह जरूरी होगा कि आप उसे आइजीएसटी का भुगतान करें।

हम मोटर साइकिल डीलर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हमारा सब डीलर्स का नेटवर्क (हालांकि मैन्यूफैक्चरर इसकी अनुमति नहीं देता) है। हमारी 60 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी इन्हीं सब-डीलरों के माध्यम से आती है। जीएसटी लागू होने पर हमें बिल के साथ सब-डीलर को मोटरसाइकिल बेचनी होगी। लेकिन आरटीओ पंजीकरण के लिए सब-डीलर का सेल लेटर ऑथराइज्ड नहीं है। ऐसे में सब-डीलर के बिल केसाथ बाइक किस तरह रजिस्टर होगी। एक सबडीलर को बेचने के बाद हम ग्राहक के नाम से भी दूसरा इनवॉयस जारी नहीं कर सकते। कृपया मार्गदर्शन करें।

यह विषय जीएसटी से संबंधित नहीं है। इस बात का उल्लेख किया जा सकता है कि आपको जीएसटी का भुगतान तब करने की जरूरत पड़ेगी जब आप मोटरसाइकिलों को अपने उप-डीलरों को बेच रहे हों।

हम रजिस्टर्ड जीएसटी बिल्डर हैं। हमारे कार्य के दौरान हमारे स्टॉफ/वर्कर द्वारा ऑफिस, साइट या यात्रा के दौरान कंज्यूमर गुड्स और ट्रांसपोर्ट चार्ज वगैरह हमारी फर्म पेमेंट करती है, उस अमाउंट पर जीएसटी के तहत हमारा क्या दायित्व बनता है।

ऐसा लगता है कि इन सामानों को गैर- पंजीकृत व्यक्तियों से खरीदा जाएगा। यदि ऐसा होता है तो आपको जीएसटी का भुगतान तब करना पड़ेगा, यदि ऐसी आपूर्ति का मूल्य एक या अनेक सप्लायरों से प्रतिदिन, एक बार या कई बार में, 5,000 रुपये से अधिक होता है तो आपको ऐसी खरीदों की मासिक इनवॉयस जारी करना जरूरी होगा और आप इनपुट टैक्स क्रेडिट पाने के पात्र होंगे।

हम आयातक हैं, बताएं कि आइजीएसटी का भुगतान कब करना होगा?

आइजीएसटी का भुगतान कस्टम्स पोर्ट से क्लीयरेंस होने के समय करना पड़ेगा। मेरा कोचिंग सेंटर है, जिसका पहले सेवा कर में रजिस्ट्रेशन था।

अब मैं उसी प्रदेश के दूसरे शहर में एक ब्रांच खोलना चाहता हूं। क्या मुझे एक ही प्रदेश के दो अलग-अलग शहरों में ब्रांच के लिए जीएसटी का पंजीकरण अलग कराना होगा या फिर एक ही पंजीकरण से काम चल जाएगा?

आपको एक राज्य में एक ही पंजीकरण कराने की जरूरत पड़ेगी।

मेरा फर्नीचर का शोरूम है उसी शहर में कंपोजिशन स्कीम अपनाने वाले अलमारी बनाने वाले कारखाने से माल लेने पर क्या जीएसटी की पूरी दर से भुगतान करना होगा?

कंपोजीशन स्कीम के अंतर्गत कर का भुगतान आपूर्तिकर्ता द्वारा किया जाएगा होगा, लेकिन वह इस राशि को क्रेता से वसूल नहीं कर सकता है। आपको कंपोजीशन सप्लायर से खरीद करते समय किसी भी कर का भुगतान नहीं करना होगा और न ही कंपोजीशन सप्लायर द्वारा भुगतान किए गए ऐसे कर पर आप इनपुट टैक्स क्रेडिट पाने के हकदार होंगे।

जीएसटी में कंपोजीशन स्कीम लेने वाला व्यापारी दूसरे पंजीकृत व्यापारी को माल बेच रहा है तो इसे किस प्रकार का बिल देगा सेल इनवॉयस या टैक्स इनवॉयस?

वह टैक्स इनवॉयस के स्थान पर आपूर्ति का बिल जारी कर सकता है। वह आपूर्ति के उक्त बिल के सबसे ऊपर ‘‘कंपोजीशन टैक्सेबेल पर्सन, नोट इलिजिबल टू कलेक्ट टैक्स ऑन सप्लाई’’ उल्लेख करना होगा।

अगर मेरा ग्राहक मुंबई में है और उसका बिलिंग का पता भी वहीं का है, लेकिन उसे डिलीवरी अहमदाबाद में चाहिए। ऐसी स्थिति में हम इनवॉयस किस तरह करेंगे और जीएसटी किस तरह चार्ज करेंगे?

ऐसा लगता है कि आप उत्तर प्रदेश में रहते है और टैक्स इनवॉयस जारी करना चाहते हैं जिसका बिलिंग पता मुंबई हो, शिपिंग पता अहमदाबाद (डिलीवरी का स्थान) हो, उस पर आइजीएसटी लगाया जाएगा।

(यह सवाल जवाब हिमानी भयाना, ज्वाइंट कमिश्नर, जीएसटी, सीबीईसी, वित्त मंत्रालय के साथ हुई बातचीत पर आधारित है।)


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