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    ट्रंप टैरिफ के कारण ये देश कर सकते हैं भारत के श्रिंप बाजार पर कब्जा, निर्यातकों के लिए कहां है संभावनाएं

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 05:50 PM (IST)

    Trump Tariffs News एंटी-डंपिंग ड्यूटी और काउंटरवेलिंग ड्यूटी के साथ भारतीय श्रिंप पर अमेरिका में प्रभावी टैरिफ 58 प्रतिशत हो गया है। इतने ऊंटे टैरिफ के कारण भारतीय निर्यातकों को इक्वाडोर जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। भारत की तुलना में इक्वाडोर अमेरिका के ज्यादा करीब है इसलिए उसकी लागत भी कम है।

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    टैरिफ के कारण ये देश कर सकते हैं भारत के श्रिंप बाजार पर कब्जा, निर्यातकों के लिए कहां है संभावनाएं

    Trump Tariffs News: ट्रंप प्रशासन की तरफ से 27 अगस्त से लागू भारी टैरिफ के कारण वित्त वर्ष 2025-26 में श्रिंप निर्यात (India shrimp export) में गिरावट की आशंका है। भारत के खासकर फ्रोजन श्रिंप निर्यात के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। पिछले वित्त वर्ष मात्रा के लिहाज से 41 प्रतिशत और मूल्य के लिहाज से 48 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को किया गया था।

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    इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारी शुल्कों के कारण श्रिंप निर्यातकों का रेवेन्यू पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत घटने के आसार हैं। ट्रंप प्रशासन ने 27 अगस्त से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा रखा है। एंटी-डंपिंग ड्यूटी और काउंटरवेलिंग ड्यूटी के बाद श्रिंप पर प्रभावी शुल्क दर 58 प्रतिशत हो जाती है।

    कम होगा मार्जिन, वर्किंग कैपिटल की भी समस्या

    रिपोर्ट के अनुसार इतने ऊंचे टैरिफ से व्यापार पर बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका है। इक्वाडोर, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों के मुकाबले भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता कम हो जाएगी। इससे निर्यात की मात्रा प्रभावित होगी। भारतीय निर्यातकों का मार्जिन भी साल-दर-साल लगभग 1.5 प्रतिशत कम हो सकता है। उनके सामने वर्किंग कैपिटल की समस्या भी उत्पन्न होने की आशंका है।

    इंडिया रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर आदर्श गुथा ने रिपोर्ट में कहा, “भारत के प्रमुख निर्यात बाजार में ऊंचा टैरिफ भारतीय श्रिंप को इक्वाडोर की तुलना में कम प्रतिस्पर्धी बना देगा, जिससे इक्वाडोर को भारत की महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने का मौका मिलेगा।”

    विकल्प तलाश रहे हैं निर्यातक

    गुथा के अनुसार, भारतीय झींगा प्रोसेसर घरेलू बाजारों में संभावनाएं तलाश रहे हैं और चीन, यूरोपीय यूनियन, जापान और यूके जैसे गैर-अमेरिकी बाजारों में विस्तार कर रहे हैं। लेकिन इन बाजारों में दाम कम मिलेंगे और मात्रा के लिहाज से निर्यात की संभावना भी सीमित है। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा और वित्तीय मजबूती बनाए रखने के लिए रणनीतिक विविधीकरण, मूल्यवर्धित उत्पादों में निवेश और परिचालन दक्षता में सुधार महत्वपूर्ण होंगे।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में विविधीकरण की योजना बना रहे निर्यातकों को निर्यात के लिए कम दिन उपलब्ध होंगे। दीर्घकालिक संबंधों वाले ग्राहकों के लिए पिछले साल यह अवधि 50 दिन थी। दूसरी तरफ, इन्वेंट्री दिनों में वृद्धि से वर्किंग कैपिटल की जरूरत बढ़ेगी।

    इंडिया रेटिंग्स का मानना ​​है कि ऊंचा टैरिफ जारी रहने से मध्यम अवधि में अमेरिका को श्रिंप निर्यात प्रभावित हो सकता है। मात्रा, रेवेन्यू की प्राप्ति और मार्जिन पर दबाव बढ़ने से मध्यम आकार की कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ेगा, खास कर कम लिक्विडिटी और तनावपूर्ण क्रेडिट मेट्रिक्स वाली कंपनियों पर।

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