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    गोल्ड से भी आगे निकला 'लाल टमाटर' का बीज, 1 किलो की कीमत में बन जाएगा सोने का हार; आखिर क्यों बिक रहा इतना महंगा?

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 04:30 PM (IST)

    भारतीय बाजार में टमाटर भले की 50 रुपए किलो बिक रहा है। लेकिन उसके बीज की कीमत 120000 से लेकर 150000 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गई है। यह कीमत इतनी है कि इसमें 24 कैरेट वाला सोना 10 ग्राम से ज्यादा खरीदा जा सकता है। एक किलो से ज्यादा चांदी खरीदी जा सकती है। यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि टमाटर का बीज अब ‘लाल सोना’ बन चुका है।

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    टमाटर 50 रुपए किलो, लेकिन उसका बीज गोल्ड से भी मंहगा।

    नई दिल्ली| सोना-चांदी पिछले कई दिनों से लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं। उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। त्योहारी सीजन में इनकी चर्चा हर घर में हो रही है। लेकिन हर घर में इस्तेमाल होने वाली सब्जी ऐसी है, जिसके बीज ने अलग तहलका मचा रखा है। जिसकी कीमत 1,50,000 रुपए तक पहुंच गई है।

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    अब आप कहेंगे कि आखिर ऐसी कौन सी सब्जी है। तो जवाब है- टमाटर, जी हां! भारतीय बाजार में टमाटर भले की 50 रुपए किलो (Tomato Price Hike) बिक रहा है। लेकिन उसके बीज (Tomato Seeds Price) की कीमत 1,20,000 से लेकर 1,50,000 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गई है।

    यह कीमत इतनी है कि इसमें 24 कैरेट वाला सोना 10 ग्राम से ज्यादा खरीदा जा सकता है। जबकि एक किलो से ज्यादा चांदी खरीदी जा सकती है। यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि टमाटर का बीज अब ‘लाल सोना’ बन चुका है। खासकर तब, जब सोना-चांदी लगातार आसमान छू रहे हैं। 

    कई ऑनलाइन वेबसाइट्स पर टमाटर का बीज 1,500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक बिक रहा है।

    यह भी पढ़ें- Diwali 2025: दिवाली के बाद कितना गिर जाएगा सोने का भाव, अभी खरीदें या नहीं; एक्सपर्ट से जानें सब कुछ

    टमाटर का बीज इतना महंगा क्यों?

    अब सवाल ये उठता है कि आखिर टमाटर का बीज इतना महंगा क्यों है? दरअसल, टमाटर का बीज तैयार करना बेहद मेहनत, समय और तकनीक वाला काम है। हर टमाटर से सिर्फ 100 से 150 बीज ही निकलते हैं। यानी एक किलो बीज तैयार करने के लिए हजारों किलो टमाटर की जरूरत होती है। इसके बाद भी हर बीज अंकुरित नहीं होता। यही वजह है कि इसका उत्पादन कम और मांग ज्यादा रहती है।

    इस्तेमाल होती है हाई टेक्नोलॉजी

    टमाटर के हाइब्रिड बीज को बनाने के लिए वैज्ञानिक “क्रॉस-ब्रीडिंग” तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इसमें दो अलग-अलग किस्मों के पौधों को आपस में मिलाकर एक नया, ज्यादा उपज देने वाला और रोग-प्रतिरोधी बीज तैयार किया जाता है। ये प्रक्रिया महीनों नहीं, बल्कि सालों ले लेती है। रिसर्च, फील्ड ट्रायल और क्वालिटी टेस्टिंग के बाद ही एक बीज बाजार में आता है।

    तो इसलिए ये बीज खरीदना पसंद करते हैं किसान

    हाइब्रिड बीज से फसल ज्यादा और एक समान होती है। इसलिए किसान इसे खरीदना पसंद करते हैं। कई बार बहुराष्ट्रीय कंपनियां या देशी बीज कंपनियां ही ये बीज तैयार करती हैं और लाइसेंस के साथ बेचती हैं। इस पूरी प्रोसेस में रिसर्च और पेटेंट का खर्च भी जुड़ जाता है, जो कीमत को और बढ़ा देता है।

    यानी, एक किलो टमाटर के बीज की कीमत सिर्फ बीज की नहीं, बल्कि उसमें लगी रिसर्च, तकनीक और मेहनत की कीमत है। यही वजह है कि टमाटर 50 रुपए किलो मिले तो भी उसका बीज ‘सोने’ के भाव बिकता है। बता दें कि मार्केट में हाइब्रिड टमाटर के बीच 1 लाख रुपए से लेकर 1,50,000 रुपए तक बिकते हैं।

    सोना-चांदी की कीमतें कितने रुपए तक पहुंचीं?

    इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन यानी IBJA पर 24 कैरेट सोने की कीमत 1,19,967 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गई। जबकि चांदी 1,49,438 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई। वहीं दिल्ली के सराफा बाजार में इनकी कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।