2026 में सोने को पीछे छोड़ देगी चांदी! सिल्वर में लगाया है पैसा तो नोट कर लीजिए ये नया टारगेट
चीन में चांदी का भंडार एक दशक में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है। इस पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी हेड, अनुज गुप्ता ने कहा, "यह खबर यह चांदी की कीमतों के लिए सकारात्मक है, क्योंकि शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज में पिछले 9 सालों में इन्वेंट्री कम है। इसका मतलब है कि मांग बढ़ी है लेकिन आपूर्ति कम है। ऐसे में हमारा अनुमान है कि 2026 में चांदी $80 से $100 तक पहुँच सकती है।

नई दिल्ली। चांदी (Silver Prices) की कीमतें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं। क्योंकि, ग्लोबल सिल्वर मार्केट को एक नए संकट का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, चीन में चांदी का भंडार एक दशक में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है, हाल ही में भारी मात्रा में चांदी लंदन भेजी गई है, ताकि उस दबाव को कम किया जा सके, जिसने कीमतों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया।
शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज से जुड़े गोदामों में स्टॉक हाल ही में 2015 के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जबकि शंघाई गोल्ड एक्सचेंज का कारोबार 9 साल से भी ज़्यादा समय में सबसे कम स्तर पर है। यह गिरावट अक्टूबर में चीन से कीमती धातु के निर्यात, करीब 660 टन से ज़्यादा हो जाने के बाद आई है, जो अब तक का सबसे ज़्यादा कारोबार है।
चांदी की कीमतों पर क्या होगा असर?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी हेड, अनुज गुप्ता ने कहा, "यह खबर यह चांदी की कीमतों के लिए सकारात्मक है, क्योंकि शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज में पिछले 9 सालों में इन्वेंट्री कम है। इसका मतलब है कि मांग बढ़ी है लेकिन आपूर्ति कम है। हमारा अनुमान है कि अगले साल 2026 में चांदी $80 से $100 तक पहुँच सकती है।" यानी की चांदी की कीमतें 314000 प्रति किलोग्राम के स्तर तक जा सकती हैं।
चांदी के लिए यह साल उथल-पुथल भरा रहा है, जिसकी कीमतें 80% बढ़कर कई ऊँचाइयों पर पहुँच गईं। यह उछाल सोने के दामों में तेज़ी के साथ आया, और व्यापारियों ने यह भी अनुमान लगाया कि ट्रम्प प्रशासन इस मेटल पर टैरिफ लगा सकता है। टीडी सिक्योरिटीज के कमोडिटी रणनीतिकार डैनियल घाली ने कहा, "अगर चाँदी पर टैरिफ लगाया जाता है, तो इससे अमेरिका पहुँच चुकी चाँदी बंद हो जाएगी।"
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चीन में तंगी को दर्शाते हुए, शंघाई में निकट अवधि की चांदी की कीमतें बाद की तारीख वाले अनुबंधों से ऊपर पहुँच गई हैं। इस पैटर्न को बैकवर्डेशन कहा जाता है जो अल्पकालिक दबाव का संकेत देता है। जिनरुई फ्यूचर्स के वू के अनुसार, कम इन्वेंट्री और आपूर्ति को देखते हुए, चिंताएँ बनी हुई हैं।

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