Silver Price Fall: ₹2 लाख के पार जाने के बाद धड़ाम गिरी चांदी, एक झटके में 8800 रुपए हुई सस्ती; क्यों आई गिरावट?
Silver Price Fall: चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जो ₹2 लाख के पार जाने के बाद एक ही झटके में ₹8800 सस्ती हो गई। इस गिरावट का मुख्य कारण बाजार ...और पढ़ें
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Silver Price: ₹2 लाख के पार जाने के बाद धड़ाम गिरी चांदी, एक झटके में 8800 रुपए हुई सस्ती; क्यों आई गिरावट?
Silver Price Today: पहली बार दो लाख रुपए के पार जाने के बाद चांदी की कीमत में भारी गिरावट आई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर मार्च 2026 एक्सपायरी वाली चांदी का भाव ₹1,92,784 रुपए प्रति किलो (Silver Rate Today on MCX) पहुंच गया।
खास बात यह है कि चांदी में यह गिरावट तब देखने को मिली, जब शुक्रवार 12 दिसंबर को चांदी ने 2,01,615 रुपए के साथ ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड (Silver Price All Time High) बनाया था। यानी दिनभर में चांदी के दाम 8831 रुपए तक गिर गए। पिछले कारोबारी दिन यानी गुरुवार को चांदी 1,98,942 रुपए पर क्लोज हुई थी। इससे तुलना करें तो चांदी में 6,158 रुपए के साथ 3.10 फीसदी की जबरदस्त गिरावट दर्ज हुई।
इस गिरावट का मुख्य कारण बाजार में आई अचानक परिवर्तन और निवेशकों की प्रतिक्रिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अस्थिरता कुछ समय तक बनी रह सकती है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। बाजार के रुझानों पर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
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अचानक गिरावट क्यों आई?
MCX में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है, और इसके पीछे कई वजहें एक साथ काम कर रही हैं। सबसे बड़ा दबाव अंतरराष्ट्रीय बाजार से आया है। डॉलर इंडेक्स में मजबूती के संकेत मिल रहे हैं, जिससे सोना-चांदी जैसी कमोडिटी पर असर पड़ता है। इसके अलावा बॉन्ड यील्ड में हल्की बढ़त ने भी कीमती धातुओं को कमजोर किया है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगे की ब्याज दर नीति को लेकर अभी साफ तस्वीर नहीं है, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। वहीं, ऊपरी स्तरों पर निवेशकों ने मुनाफावसूली यानी प्रॉफिट बुकिंग भी की, जिससे कीमतें और नीचे आईं।
फिलहाल निवेशक क्या करें?
निवेशकों के लिए फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। अगर गिरावट छोटी है तो इसे सामान्य करेक्शन माना जा सकता है। लॉन्ग टर्म निवेशक इस गिरावट को खरीद का मौका मान सकते हैं। वहीं, शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को सावधानी बरतनी चाहिए और स्टॉप-लॉस जरूर लगाना चाहिए। साथ ही, इंटरनेशनल मार्केट के संकेतों पर लगातार नजर रखना जरूरी है।

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