Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ये तो चमत्कार हो गया! अमेरिका के स्टार्टअप ने पारा से बना दिया 'सोना', दावा- हर साल बनेगा 5000 KG गोल्ड

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 05:16 AM (IST)

    mercury to gold news अमेरिकी स्टार्टअप मैराथन फ्यूजन ने कहा कि परमाणु संलयन प्रक्रिया के जरिए पारे से सोने को बनाया जा सकता है। स्टार्टअप के अनुसार सोना बनाने वाला संलयन संयंत्र एक वर्ष में प्रति गीगावाट तापीय बिजली से पांच हजार किलोग्राम सोना पैदा कर सकेगा। एक संलयन ऊर्जा संयंत्र एक वर्ष में प्रति गीगावाट तापीय ऊर्जा से 5000 किलोग्राम सोना बना सकता है।

    Hero Image
    मैराथन फ्यूजन ने कुशल परमाणु संलयन ऊर्जा प्रणालियां विकसित करने के लिए 60 लाख डॉलर का निवेश जुटाया।

    Mercury to gold news : अमेरिका के एक स्टार्टअप ने पारे को सोने (mercury to gold) में बदलने का तरीका खोजने का दावा किया है। सैन फ्रांसिस्को स्थित मैराथन फ्यूजन (Marathon Fusion) ने कहा कि परमाणु संलयन प्रक्रिया के जरिए पारे से सोने को बनाया जा सकता है। स्टार्टअप के अनुसार सोना बनाने वाला संलयन संयंत्र एक वर्ष में प्रति गीगावाट तापीय बिजली से पांच हजार किलोग्राम सोना पैदा कर सकेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मैराथन फ्यूजन की टीम ने बताया कि परमाणु संलयन रिएक्टर में न्यूट्रान कणों से निकलने वाली रेडियोधर्मिता का उपयोग करके पारे को पारा-197 में बदला जा सकता है। इसके बाद पारा-197 सोना-197 में विघटित हो जाता है। कंपनी के इस दावे की अभी समीक्षा नहीं हुई है। 

    हर साल बनेगा 5000 किलोग्राम सोना

    शोधकर्ताओं के अनुमान के अनुसार एक संलयन ऊर्जा संयंत्र एक वर्ष में प्रति गीगावाट तापीय ऊर्जा से 5000 किलोग्राम सोना बना सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि सोना संलयन रिएक्टरों में सह उप्ताद के रूप में निकलता है।

    इससे संयंत्र के स्वच्छ ऊर्जा विकसित करने का प्राथमिक उद्देश्य प्रभावित नहीं होगा। हालांकि, मुश्किल यह है कि अन्य प्रकार के पारे की उपस्थिति के कारण सोना-197 के साथ-साथ अस्थिर सोना समस्थानिकों का उत्पादन हो सकता है। 

    यह भी पढ़ें- माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट क्यों पहुंची नायरा एनर्जी? EU और रूस से जुड़ा है मामला, जानें पूरी खबर

    इसका अर्थ है कि यह धातु आंशिक रूप से रेडियोधर्मी हो सकती है। मैराथन फ्यूजन के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, एडम रुटकोव्स्की ने बताया कि सोने को विकिरण-सुरक्षित घोषित करने के लिए इसे 14 से 18 वर्षों तक संग्रहीत करना होगा। इसका मतलब है कि इस सोने में 14 से 18 वर्षों तक विकिरण का खतरा रहेगा। 

    विज्ञानियों के अनुसार परमाणु संलयन प्रक्रिया असीमित, स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने में मददगार हो सकती है। इस प्रक्रिया में परमाणु नाभिकों का विलय करके भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। यह परमाणु हथियारों और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में प्रयुक्त विखंडन प्रक्रिया के बिल्कुल विपरीत है, जहां भारी परमाणु को कई छोटे परमाणुओं में विभाजित किया जाता है।

    40 लाख डॉलर का सरकारी अनुदान जुटाया

    पिछले कुछ वर्षों में, मैराथन फ्यूजन ने कुशल परमाणु संलयन ऊर्जा प्रणालियां विकसित करने के लिए लगभग 60 लाख डॉलर का निवेश और 40 लाख डॉलर का सरकारी अनुदान जुटाया है। हालांकि, जब तक व्यावसायिक संलयन रिएक्टर विकसित नहीं हो जाते, तब तक पारे से सोना बनाने का सपना एक सपना ही बना रह सकता है।