बीज विधेयक 2025 के ड्राफ्ट में किसानों, बीज विक्रेताओं और कंपनियों के लिए क्या हैं प्रावधान, नियम तोड़ने वालों के लिए क्या है सजा
Seeds Bill 2025: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से जारी ड्राफ्ट में क्वालिटी से संबंधित कई प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा ड्राफ्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार, किसानों, बीज कंपनियों और वितरकों के लिए क्या प्रावधान होंगे। नियम का उल्लंघन करने पर कितना जुर्माना लगेगा, इसके बारे में भी जानकारी दी गई है।

बीज विधेयक 2025 का ड्राफ्ट जारी
Seeds Bill 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बीज विधेयक 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है। प्रस्तावित विधेयक मौजूदा बीज अधिनियम, 1966 और बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983 का स्थान लेगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से जारी ड्राफ्ट में बाजार में उपलब्ध बीजों और रोपण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, किसानों को किफायती दरों पर अच्छे बीज उपलब्ध कराने, नकली और घटिया बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाने, नवाचार को बढ़ावा देने, बीज की वैश्विक किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए बीज आयात को उदार बनाने और बीज आपूर्ति श्रृंखलाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रस्ताव है।
ड्राफ्ट बिल में छोटे श्रेणी के अपराधों को अपराधमुक्त किया जाना प्रस्तावित है, जिससे व्यापार सुगमता को बढ़ावा मिले और अनुपालन का बोझ कम हो। हालांकि इसके साथ ही अपराध के गंभीर उल्लंघन पर दंड के कड़े प्रावधान रखे गए हैं। सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के प्रावधानों पर 11 दिसंबर 2025 तक सुझाव मांगे गए हैं।
ड्राफ्ट में अपराध के अनुसार दंड को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में रखा गया है- माइनर, मॉडरेट और मेजर। पहली बार (माइनर) अपराध करने पर व्यक्ति को लिखित नोटिस दिया जाएगा। तीन साल के भीतर दोबारा दोबारा अपराध करने पर 50,000 रुपये जुर्माना लगेगा। मॉडरेट श्रेणी में पहली बार अपराध करने वाले पर एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। तीन साल के भीतर दोबारा अपराध करने पर व्यक्ति पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
मेजर यानी बड़े अपराध करने पर पहली बार 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। पांच साल के भीतर दोबारा अपराध करने पर जुर्माने की रकम बढ़ कर 20 लाख रुपये हो जाएगी। उसके पांच साल के भीतर अगर तीसरी बार अपराध पकड़ा गया तो उस पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा और डीलर रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है। जुर्माने के साथ/अथवा तीन साल तक कैद की सजा का भी प्रावधान किया गया है।
बीज विधेयक 2025 ड्राफ्ट के मुख्य प्रावधान
क्वालिटी संबंधी प्रावधान
-सभी प्रकार के बीजों का पंजीकरण बिक्री से पहले अनिवार्य है।
-बीज उत्पादकों को बाजार में बिकने वाले बीजों की गुणवत्ता और शुद्धता सुनिश्चित करनी होगी।
-मानदंडों के पालन के लिए अधिकृत एजेंसियों द्वारा बीज सर्जिफिकेशन उपलब्ध कराए जाएंगे।
-बीजों की उचित लेबलिंग अनिवार्य है। इसमें वैरायटी, स्रोत, गुणवत्ता और अंकुरण दर बताना होगा।
-गलत विवरण या निम्न गुणवत्ता वाले बीजों की बिक्री पर कानूनी कार्रवाई एवं दंड का प्रविधान है।
-बीज परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी जो गुणवत्ता की जांच और विवाद निपटारे में सहायता करेंगी।
-बीजों का आयात निर्धारित नियमों के अनुसार ही हो सकेगा, ताकि खराब क्वालिटी के बीज न आ सकें।
किसानों के लिए क्या
-किसानों (farmer rights) को अपनी फसल से बीज रखने और उनका इस्तेमाल करने की छूट होगी। उन्हें इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
-अगर बीज बताए गए विवरण के अनुसार प्रदर्शन नहीं करते तो किसानों को मुआवजा पाने का अधिकार होगा।
सरकार के लिए प्रावधान
-केंद्र सरकार के पास सार्वजनिक हित में कुछ बीजों को नियंत्रित या प्रतिबंधित करने का अधिकार प्राप्त होगा।
-नीतिगत और नियामकीय मामलों में सलाह देने के लिए राष्ट्रीय बीज समिति का गठन किया जाएगा।
-बीज निरीक्षकों को संदेहास्पद बीजों की जांच, नमूने लेने और जब्त करने का अधिकार होगा।
-नई बीज वैरायटी के लिए बौद्धिक संपदा सुरक्षा की गारंटी होगी।
बीज कंपनियों, विक्रेताओं के लिए क्या
-बीज कंपनियों के लिए पारदर्शी रिकॉर्ड रखना और नियमित ऑडिट अनिवार्य होगा।
-बीज वितरकों और विक्रेताओं के लिए लाइसेंसिंग अनिवार्य होगी, बिना लाइसेंस के व्यापार वर्जित होगा।
-बीज विक्रेताओं के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों में स्टॉक की रिपोर्टिंग और दिशानिर्देशों का पालन शामिल है।
दंड से संबंधित प्रावधान
-नियमों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान (compliance penalties) है, बार-बार अपराध करने पर दंड में वृद्धि होगी।
-नए जीएम बीजों को लाने में पर्यावरण और जैव सुरक्षा मानकों का पालन आवश्यक होगा।
-किसानों के जुड़े बीज विवादों के लिए शीघ्र शिकायत समाधान की व्यवस्था होगी।
-बीजों के विज्ञापन और विपणन के लिए नियम बनेंगे; झूठे दावे करने वाले अथवा भ्रामक विज्ञापन प्रतिबंधित रहेंगे।

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