"मनरेगा के तहत जारी किए 44,323 करोड़ रुपए", कृषि मंत्री ने और कौन सा डेटा जारी किया?
MGNREGA funds 2025 केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद को बताया कि केंद्र सरकार ने अब तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 44323 करोड़ रुपए जारी किए हैं। वितरित की गई राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित कुल आवंटन 86 हजार करोड़ रुपए का लगभग आधा है।

नई दिल्ली| Shivraj Singh Chouhan on MGNREGA funds 2025 : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद को बताया कि केंद्र सरकार ने अब तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 44,323 करोड़ रुपए जारी किए हैं। वितरित की गई राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित कुल आवंटन 86 हजार करोड़ रुपए का लगभग आधा है।
शिवराज ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 86 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में, सरकार ने इस आवंटन को हजार करोड़ रुपए पर बनाए रखा है। मंत्री ने एक लिखित उत्तर में 17 जुलाई, 2025 तक के आंकड़े भी पेश किए।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय कृषि मंत्री (Shivraj Singh Chouhan) ने बताया कि बंगाल में मनरेगा को फिर से शुरू करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश का ग्रामीण विकास मंत्रालय अध्ययन कर रहा है।
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण, मनरेगा अधिनियम, 2005 की धारा 27 के अनुसार, नौ मार्च, 2022 से बंगाल को मनरेगा के तहत धनराशि जारी करना बंद कर दिया गया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 18 जून को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह बंगाल में मनरेगा को एक अगस्त से लागू करे।
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ओलावृष्टि, बारिश, बाढ़ से 1.58 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र प्रभावित
केंद्रीय कृषि मंत्री ने लोकसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मानसून सीजन 2025 के दौरान ओलावृष्टि, भारी वर्षा, बाढ़ के कारण प्रभावित फसल क्षेत्र का विवरण साझा किया। डाटा के अनुसार एक अप्रैल से 14 जुलाई के बीच 12 राज्यों में ओलावृष्टि, भारी बारिश और बाढ़ के कारण 1.58 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
प्रभावित क्षेत्र में कृषि और बागवानी दोनों फसलें शामिल हैं। प्रभावित फसलों में धान, गेहूं, जौ, सरसों, ज्वार, बाजरा, मक्का, प्याज और बागवानी फसलें शामिल हैं।चौहान ने कहा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) के अनुसार, क्षति का आकलन और जमीनी स्तर पर राहत उपाय उपलब्ध कराने सहित आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है।
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