Gold vs Silver Investment: चांदी रिकॉर्ड लेवल पर...क्या गोल्ड से बेहतर रिटर्न दे सकती सिल्वर? क्या है एक्सपर्ट की राय
Gold vs Silver Investment: चांदी ने इस साल गोल्ड को रिटर्न के मामले में पछाड़ दिया है। पिछले एक दशक में चांदी ने सोने से बेहतर रिटर्न दिया है, जिसकी म ...और पढ़ें
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Gold vs Silver Investment: चांदी रिकॉर्ड लेवल पर...क्या गोल्ड से बेहतर रिटर्न दे सकती सिल्वर? क्या है एक्सपर्ट की राय
Gold vs Silver Investment: चांदी ने इस साल रिकॉर्ड स्तर छूते हुए गोल्ड को रिटर्न के मामले में पछाड़ दिया है। पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सफेद धातु ने पीली धातु (Gold price today) की तुलना में कहीं तेज रफ्तार से बढ़त दर्ज की है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) स्पॉट प्राइस के मुताबिक, गोल्ड 1-2-3 साल में क्रमशः 69%, 105% और 139% चढ़ा, जबकि इसी अवधि में चांदी में 98%, 130% और 173% तक का उछाल दर्ज हुआ। इससे निवेशकों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि क्या आने वाले सालों में चांदी (Silver price today), सोने की चमक फीकी कर सकती है? साफ शब्दों में कहें तो क्या चांदी में निवेश (Silver Investment) सही रहेगा?
10 साल में सिल्वर और गोल्ड का शानदार रिटर्न
आंकड़े बताते हैं कि सिल्वर ने एक दशक में 418% का एब्सोल्यूट रिटर्न दिया है। इसी अवधि में गोल्ड का रिटर्न 406% रहा। सिल्वर की बढ़त (Silver Hike) का कारण इसकी बढ़ती इंडस्ट्रियल मांग बताई जा रही है, जबकि गोल्ड की कीमतें मुख्यतः निवेश और सेंट्रल बैंक खरीदारी पर निर्भर रहती हैं।
10 साल में प्रति 10 ग्राम कितने बढ़े सोने के दाम?
| साल | सोना (कीमत ₹/10 ग्राम) | CAGR | एब्सोल्यूट रिटर्न |
| 1 दिसंबर 2015 | 25,235 | ---- | ---- |
| 1 दिसंबर 2016 | 28,356 | 12.37% | 12.37% |
| 1 दिसंबर 2017 | 29,176 | 7.53% | 15.62% |
| 3 दिसंबर 2018 | 30,664 | 6.71% | 21.51% |
| 2 दिसंबर 2019 | 37,795 | 10.63% | 49.78% |
| 2 दिसंबर 2020 | 48,973 | 14.18% | 94.07% |
| 2 दिसंबर 2021 | 47,394 | 11.08% | 87.81% |
| 2 दिसंबर 2022 | 53,447 | 11.32% | 111.78% |
| 1 दिसंबर 2023 | 62,546 | 12.01% | 147.85% |
| 2 दिसंबर 2024 | 75,950 | 13.02% | 200.97% |
| 2 दिसंबर 2025 | 1,27,723 | 17.61% | 406.13% |
10 साल में प्रति किलोग्राम कितनी महंगी हुई चांदी?
| साल | चांदी (कीमत ₹/किलोग्राम) | CAGR | एब्सोल्यूट रिटर्न |
| 1 दिसंबर 2015 | 33,729 | ---- | ---- |
| 1 दिसंबर 2016 | 39,950 | 18.44% | 18.44% |
| 1 दिसंबर 2017 | 37,795 | 6.14% | 12.05% |
| 3 दिसंबर 2018 | 36,111 | 2.30% | 7.06% |
| 2 दिसंबर 2019 | 44,132 | 6.95% | 30.84% |
| 2 दिसंबर 2020 | 62,999 | 13.31% | 86.78% |
| 2 दिसंबर 2021 | 60,655 | 10.28% | 79.83% |
| 2 दिसंबर 2022 | 64,304 | 9.66% | 90.65% |
| 1 दिसंबर 2023 | 76,355 | 10.75% | 126.38% |
| 2 दिसंबर 2024 | 88,409 | 11.30% | 162.12% |
| 2 दिसंबर 2025 | 1,74,987 | 17.90% | 418.80% |
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लॉन्ग टर्म में सोने से बेहतर साबित हो सकती है चांदी?
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिल्वर की डिमांड अब दो हिस्सों में बंट चुकी है- इंडस्ट्रियल यूज और निवेश। इसी वजह से इसका भविष्य गोल्ड से ज्यादा तेज दिख रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च नवनीत दमाणी कहते हैं कि, "चांदी की इंडस्ट्रियल मांग तेजी से बढ़ रही है, जबकि सप्लाई सीमित है।" वो आगे बताते हैं कि चांदी में लगातार सप्लाई-डिमांड का गैप बढ़ रहा है। ग्रीन एनर्जी, EV, सोलर और टेक्नोलॉजी सेक्टर इसकी मांग को अगले कई सालों तक ऊपर रखेंगे।
तो क्या गोल्ड की जगह ले सकती है चांदी?
एमएमटीसी-पीएएमपी (MMTC-PAMP) के एमडी एंड सीईओ समित गुहा कहते हैं कि सिल्वर की मांग बढ़ रही है, लेकिन गोल्ड की अहमियत कम नहीं होगी। वो आगे कहते हैं कि, "चांदी में बढ़त है, लेकिन गोल्ड सुरक्षित निवेश बना रहेगा। दोनों में निवेश करना समझदारी है।"
वहीं इंडियन बिलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की अक्षया कंबोज भी यही बात होदराती हैं। अक्षया के मुताबिक, सिल्वर में अपसाइड ज्यादा है, लेकिन यह गोल्ड की जगह नहीं ले सकता, क्योंकि गोल्ड को सेंट्रल बैंक रिजर्व सपोर्ट देता है।
गोल्ड को क्या बनाता है मजबूत?
गोल्ड एक ऐसा एसेट है, जिसे दुनिया की सरकारें और सेंट्रल बैंक भरोसे के रूप में रखते हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद जब कई देशों की विदेशी मुद्रा संपत्तियों पर प्रतिबंध लगे, तब भी गोल्ड सबसे सुरक्षित एसेट के रूप में उभरा। समित गुहा के मुताबिक, गोल्ड की लिक्विडिटी और सेंट्रल बैंक खरीद इसे अनिश्चित समय में भी मजबूती देती है।
क्या ईवी, सोलर और 5G की वजह से और महंगी होगी चांदी?
मोतीलाल ओसवाल की 'Silver 2030' रिपोर्ट के अनुसार, चांदी की 59% मांग औद्योगिक क्षेत्र से आती है। पिछले 7 साल से वैश्विक स्तर पर सप्लाई में कमी (डेफिसिट) चल रही है। 2025 में मांग 35,700 टन से ज्यादा, जबकि सप्लाई सिर्फ 31,000 टन। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इंडस्ट्रियल डिमांड ऐसे ही बढ़ी तो चांदी के भाव आसमान छू सकते हैं।
क्या गोल्ड-सिल्वर रेशियो अब कम मायने रखता है?
GSR यानी गोल्ड-सिल्वर रेशियो ऐतिहासिक रूप से 60 के आसपास माना जाता है। अभी यह 72.2 है, जो सितंबर में 81.4 था। मतलब सिल्वर तेजी से ऊपर आया है। गुहा कहते हैं कि, "अब यह रेशियो फोरकास्टिंग टूल कम और एक दिशा दिखाने वाला कंपास ज्यादा बन गया है।"
आने वाले 5-10 साल में सिल्वर का सबसे बड़ा ट्रिगर क्या होगा?
आने वाले 5-10 साल में चांदी की कीमतों को ऊपर ले जाने वाले सबसे बड़े ट्रिगर साफ दिख रहे हैं। सोलर और EV सेक्टर में तेज विस्तार, AI और डेटा सेंटर में चांदी की बढ़ती खपत, लगातार बना सप्लाई डेफिसिट और इंडस्ट्रियल डिमांड में तेजी, ये सभी कारक सिल्वर को लंबी दौड़ का खिलाड़ी बनाते हैं। दमाणी के अनुसार, चांदी की मौजूदा तेजी अभी शुरुआती दौर में है और लंबे समय में यह गोल्ड की तुलना में ज्यादा दमदार अपसाइड दे सकती है।

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