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    Gold Silver Price: सोना हुआ सस्ता, लेकिन चांदी ने फिर पकड़ी रफ्तार; कितनी हो गई कीमत, निवेश का है मौका?

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 06:45 PM (IST)

    Gold Silver Price Today: नए साल से पहले सोने के दामों में गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में 5 फरवरी 2026 को एक्सपायर होने वाले 24 कैरेट गोल्ड म ...और पढ़ें

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    Gold Silver Price: सोना हुआ सस्ता, लेकिन चांदी ने फिर पकड़ी रफ्तार; कितनी हो गई कीमत, निवेश का है मौका?

    Gold Silver Price Today: नए साल से पहले सोने में एक बार फिर गिरावट दर्ज की गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 5 फरवरी 2026 एक्सपायरी वाले 24 कैरेट गोल्ड में 0.60 फीसदी की कमी आई और पिछले दिन के मुकाबले यह 849 रुपए सस्ता हो गया। शुक्रवार, 19 दिसंबर को 6.30 बजे तक यह 1,33,672 रुपए (gold rate today) पर ट्रेड कर रहा था। इस दौरान इसका हाई लेवल 1,34,360 रुपए (gold price mcx) और लो लेवल 1,33,555 रुपए (gold price today) प्रति 10 ग्राम रहा। जबकि पिछले दिन यह 1,34,521 रुपए पर बंद हुआ था।

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    लेकिन चांदी में तेजी अब भी बरकरार है। 5 मार्च 2026 एक्सपायरी वाली चांदी में 0.34 फीसदी की तेजी आई और पिछले दिन के मुकाबले कीमत 702 रुपए (silver price hike) बढ़ गई। खबर लिखे जाने तक चांदी 2,04,267 रुपए (siver rate today) प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी। इस दौरान हाई लेवल 2,06,280 रुपए और लो लेवल 2,02,656 रुपए रहा। पिछले कारोबारी सत्र के दौरान यह 2,03,565 रुपए (siver price today) के लेवल पर बंद हुई थी।

    IBJA पर भी गिरे सोना-चांदी के रेट

    इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिशन (IBJA) पर भी सोने-चांदी के रेट्स में कमी आई। शुक्रवार, शाम 5 बजे जारी कीमतों के मुताबिक, 24 कैरेट गोल्ड में 675 रुपए की मामूली गिरावट आई और पिछले दिन के मुकाबले कीमत 1,34,454 रुपए से गिरकर 1,31,779 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। वहीं, चांदी में 1183 रुपए की कमी आई। IBJA पर चांदी की कीमत 2,00,067 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। पिछले दिन यह कीमत 2,01,250 थी।

    यह भी पढ़ें- Gold Investment: सोने के बिस्किट, सिक्के या फिर ज्वैलरी, निवेश के लिए क्या है सबसे सही?

    Gold Price Target 2026: नए साल पर कितना महंगा होगा सोना?

    साल 2025 में सोने ने हाल के वर्षों की सबसे मजबूत तेजी देखी। इसकी बड़ी वजहें रहीं- भू-राजनीतिक तनाव, गोल्ड ETF में लगातार निवेश, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीद। ये सभी कारक 2026 में भी असरदार बने रहने की उम्मीद है, जिससे लंबे समय में सोने की कीमतों को मजबूत सपोर्ट मिलता रहेगा।

    हालांकि, अब तक कीमतों में अच्छी बढ़त हो चुकी है, इसलिए निवेशकों को बीच-बीच में दाम या समय के हिसाब से करेक्शन की संभावना को भी ध्यान में रखना चाहिए। अगर वैश्विक तनाव कम होते हैं या जोखिम लेने का माहौल सुधरता है, तो सोने में अस्थायी गिरावट आ सकती है। इसके बावजूद, सोने में आगे भी करीब 10-12% की बढ़त की संभावना बनी हुई है और कीमतें धीरे-धीरे 1,50,000 रुपए (gold price target) के स्तर की ओर बढ़ सकती हैं।

    पोर्टफोलियो के नजरिए से निवेशकों को सोना होल्ड करके रखना चाहिए और उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए SIP के जरिए अनुशासित निवेश करना बेहतर रहेगा, जिससे औसत लागत सुधरती है। निवेश के लिए Gold ETF ज्यादा प्रभावी विकल्प हैं, जबकि फिजिकल गोल्ड शादी-ब्याह या अन्य पारंपरिक और उपभोग से जुड़े कामों के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जाता है।

    Silver Price Target 2026: ढाई लाख के पार जाएगी चांदी?

    केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) बताते हैं कि, "साल 2025 में चांदी ने जबरदस्त तेजी दिखाई और इसके दाम करीब 130% तक बढ़े, जिससे इसकी तेज और मोमेंटम-आधारित चाल एक बार फिर साबित हुई।

    2026 के लिए आउटलुक सकारात्मक (Silver Price Target) है, लेकिन सोने की तुलना में कहीं ज्यादा वोलैटाइल रहने वाला है। आगे चलकर चांदी में 20-25% तक की और तेजी की संभावना है। MCX पर कीमतें 2,45,000 से 2,50,000 रुपए (silver price mcx) के दायरे में जा सकती हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव 72.5 से 74 डॉलर के आसपास दिख रहे हैं।

    हालांकि, इतिहास बताता है कि तेज उछाल के बाद चांदी में अचानक बड़ी गिरावट भी आ सकती है, जैसा 1980 और 2011 में देखा गया था। ऐसे में 28-30% तक का करेक्शन भी नकारा नहीं जा सकता, खासकर अगर ETF के जरिए निवेश कम होता है या निवेशकों को कहीं और बेहतर मौके दिखते हैं।

    संरचनात्मक रूप से इस चक्र को मजबूत औद्योगिक मांग का सपोर्ट मिल रहा है, जैसे- क्लीन एनर्जी, सोलर, डेटा सेंटर्स और इलेक्ट्रिफिकेशन। 'डिजिटल एज मेटल' के रूप में चांदी की भूमिका बढ़ने से इसका लॉन्ग टर्म केस और मजबूत होता है। अगर सप्लाई की दिक्कतें बनी रहती हैं, तो लंबे समय में 100 डॉलर का स्तर भी एक वास्तविक लक्ष्य माना जा सकता है।"

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