अब सस्ता नहीं होगा गोल्ड! तो फिर कैसे करें निवेश? एक्सपर्ट्स ने बताया, इस तरह से पैसा लगाना फायदेमंद
Gold Investment: सोना अब सिर्फ मुनाफा कमाने का जरिया नहीं, बल्कि कमाई और भविष्य को सुरक्षित रखने वाला इंश्योरेंस है। 2025 में सोना और चांदी रिकॉर्ड ऊं ...और पढ़ें
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गोल्ड को इन्वेस्टमेंट नहीं, 'इंश्योरेंस पॉलिसी' समझें, एक्सपर्ट्स की सलाह- SIP से करें निवेश; कितना होगा फायदा?
Gold Investment: सोना अब तेजी से मुनाफा कमाने का जरिया नहीं, बल्कि आपकी कमाई और भविष्य को सुरक्षित रखने वाला 'इंश्योरेंस' बनता जा रहा है। और मौजूदा ऊंचे दामों पर SIP के जरिए निवेश ही समझदारी है। एक्सपर्ट्स का यही मानना है, क्योंकि 2025 में भारत में सोना और चांदी दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई (Gold-Silver Record High) पर पहुंच चुके हैं।
मार्केट जानकारों के मुताबिक, सोने-चांदी की कीमतों (Gold Silver Price) में यह जबरदस्त उछाल ग्लोबल और घरेलू दोनों वजहों से आया है। एक तरफ अमेरिका में फेडरल रिजर्व के लंबे समय तक ब्याज दरें घटाने के संकेत हैं, जिससे बिना ब्याज वाले एसेट्स जैसे सोना और चांदी ज्यादा (Gold Silver Price Hike) आकर्षक हो गए हैं।
दूसरी ओर, 2025 में RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी द्वारा कई बार ब्याज दरों में कटौती दिसंबर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती समेत, ने भी कीमती धातुओं की सेफ-हेवन मांग बढ़ाई है।
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ग्रोथ से ज्यादा इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह काम करेगा सोना
चॉइस ब्रोकिंग (Choice Broking) के कमोडिटी और करेंसी एनालिस्ट आमिर मकड़ा का कहना है कि रिकॉर्ड हाई पर भी सोना भारतीय निवेशकों के लिए जरूरी हेज बना रहेगा, लेकिन इसकी भूमिका बदल गई है। अब यह ग्रोथ इंजन से ज्यादा इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह काम करेगा। उनके मुताबिक, महंगाई थोड़ी नरम जरूर हुई है, लेकिन लंबे समय में खरीद क्षमता को बचाने के लिए सोना सबसे भरोसेमंद जरिया है। वे गोल्ड (Gold ETF) और सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) के जरिए गोल्ड में 8-12% और सिल्वर में 3-5% एलोकेशन की सलाह देते हैं।
70% इक्विटी, 15% गोल्ड और 15% सिल्वर की सलाह
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज (JM Financial Services) के प्रणव मेर कहते हैं कि एसआईपी (SIP) शुरू करने के लिए हर भाव सही होता है। गिरावट हो या तेजी, SIP से एवरेज अपने आप बन जाता है। वे पोर्टफोलियो में 70% इक्विटी, 15% गोल्ड और 15% सिल्वर रखने की सलाह देते हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज (LKP Securities) के जतिन त्रिवेदी के मुताबिक, ऊंचे स्तरों पर सोना ट्रेडिंग से ज्यादा पोर्टफोलियो हेज के तौर पर बेहतर है। एकमुश्त खरीद से बचें और SIP या किस्तों में निवेश करें। सामान्य समय में गोल्ड एलोकेशन 15-20% और ज्यादा जोखिम के दौर में 25% तक रखा जा सकता है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सोना-चांदी की तेजी निवेशकों की सतर्कता दिखाती है। ग्लोबल ग्रोथ की सुस्ती, पॉलिसी अनिश्चितता और करेंसी रिस्क के बीच लोग इक्विटी के साथ-साथ गोल्ड को इंश्योरेंस की तरह देख रहे हैं। ऐसे में गोल्ड SIP और सही एसेट एलोकेशन आज के दौर में सबसे संतुलित रणनीति मानी जा रही है।

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