दिवाली पर न हो प्याज की किल्लत, सरकार चलाएगी 'ऑनियन ट्रेन', आपके शहर में मिलेगा इतना सस्ता; देखें लिस्ट
दिवाली (Diwali 2025) पर प्याज की किल्लत न हो और आम लोगों को राहत मिले इसके लिए सरकार ने ऑनियन ट्रेन (onion trains) चलाने का फैसला किया है। ये स्पेशल ट्रेनें एक साथ 1700 टन तक प्याज ले जा सकती हैं। फिलहाल इन ट्रेनों से गुवाहाटी कोलकाता चंडीगढ़ और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में सीधा प्याज पहुंचाया जा रहा है।

नई दिल्ली| दिवाली के त्योहार पर अगर रसोई से प्याज गायब हो जाए तो खाने का स्वाद फीका पड़ जाता है। यही वजह है कि सरकार ने इस बार पहले से तैयारी कर ली है। प्याज की कीमतें न बढ़ें और लोगों को राहत मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 'ऑनियन ट्रेन' (onion trains) चलाने का बड़ा कदम उठाया है।
ये स्पेशल ट्रेनें एक साथ 1,700 टन तक प्याज ले जा सकती हैं, जबकि एक ट्रक में सिर्फ 25 टन माल भरता है। यानी ट्रेन से सप्लाई कई गुना तेज और ज्यादा होगी। इन ट्रेनों से गुवाहाटी, कोलकाता, चंडीगढ़ और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में सीधा प्याज पहुंचाया जा रहा है।
प्याज की कीमतों पर असर
पिछले साल दिवाली से पहले प्याज 60 रुपए किलो (Onion Price) तक पहुंच गया था। इस बार सरकार की दखलअंदाजी से कीमतें काफी कम हैं।
- दिल्ली में प्याज 32 रुपए किलो मिल रहा है, जो पिछले साल 57 रुपए प्रति किलो बिक रहा था।
- मुंबई में 30 रुपए प्रति किलो (पिछले साल ₹58)।
- चेन्नई में 30 रुपए प्रति किलो (पिछले साल ₹60)।
- रांची में 25 रुपए प्रति किलो (पिछले साल ₹60)।
फिलहाल पूरे देश का औसत दाम लगभग 26 रुपए किलो है, जबकि नॉर्थ-ईस्ट में यह 36 रुपए किलो तक बना हुआ है। यही वजह है कि गुवाहाटी तक प्याज की ट्रेन भेजी जा रही है।
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क्या है सरकार का प्लान?
केंद्र ने प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड (PSF) के तहत 3 लाख टन प्याज खरीदा है। इसकी खुदरा बिक्री 4 सितंबर से शुरू हुई थी। पहले कीमत 24 रुपए किलो रखी गई, बाद में इसे घटाकर 20 रुपए कर दिया गया ताकि बाजार में दाम नीचे आएं।
दिवाली पर राहत क्यों जरूरी?
त्योहार के मौसम में प्याज की मांग अचानक बढ़ जाती है और अक्सर जमाखोरी के चलते कीमतें 80-100 रुपए किलो तक पहुंच जाती हैं। इस बार उत्पादन भी 27% ज्यादा हुआ है- करीब 3.07 करोड़ टन। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि सप्लाई बनी रहेगी और दाम काबू में रहेंगे।
खाने की थाली से महंगाई तक
प्याज सिर्फ रसोई का मसाला नहीं, बल्कि महंगाई का भी बड़ा कारण है। थोड़ी सी बढ़ोतरी भी पूरे बाजार में हलचल मचा देती है। सांख्यिकी मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में खुदरा महंगाई 2.07% रही, जिसमें सब्जियों का बड़ा योगदान था। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई के 1.61% से बढ़कर 2.07% हो गई, जिसमें टमाटर, अंडे, मांस और मछली की ऊंची कीमतों का योगदान रहा।
हालांकि मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के 2-6% के लक्ष्य बैंड के भीतर है, अनियमित मौसम और असमान फसल उत्पादन से स्थिति जटिल हो सकती है। प्याज, जो सब्जी मूल्य अस्थिरता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, ऐतिहासिक रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में उछाल का कारण रहे हैं। सितंबर 2024 में, सब्जी मुद्रास्फीति ने कुल खाद्य मूल्य वृद्धि में 63% का योगदान दिया, जिसमें प्याज की कीमतों में 66.2%, टमाटर में 42.4% और आलू में 65.3% की साल-दर-साल वृद्धि हुई।
ऐसे में सरकार चाहती है कि इस बार किल्लत वाली स्थिति न बने। ट्रेन से प्याज पहुंचाकर न सिर्फ उपभोक्ताओं को सस्ता माल मिलेगा, बल्कि त्योहारों पर खाने का स्वाद और जेब की बचत दोनों बरकरार रहेंगे।
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