सोना-चांदी की तरह मोटा पैसा बनाने की राह पर कॉपर, मारी अब तक की सबसे बड़ी छलांग; इस देश की वजह से बढ़ी कीमत!
Copper Record High: कॉपर ने इस साल सोना-चांदी को भी पीछे छोड़ दिया है। MCX पर कॉपर 1103 रुपए प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया। इस उछाल का ...और पढ़ें
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सोना-चांदी की तरह मोटा पैसा बनाने की राह पर कॉपर, मारी अब तक की सबसे बड़ी छलांग; कीमत बढ़ने के पीछे चीनी कनेक्शन!
Copper Price Today: कॉपर (तांबा) ने इस साल सोना-चांदी को भी पीछे छोड़ते हुए रिकॉर्ड तोड़ रैली दिखाई है। जहां सोना अपनी स्थिर चाल के लिए जाना जाता है और चांदी अक्सर उतार-चढ़ाव के बावजूद सीमित दायरे में रहती है, वहीं कॉपर ने कीमतों में ऐसी छलांग (copper record high) लगाई है कि ग्लोबल मार्केट के साथ घरेलू ट्रेडर्स भी हैरान हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर कॉपर पहली बार 1103 रुपए प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया, जो सोना-चांदी जैसी सुरक्षित धातुओं की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी को दर्शाता है।
अचानक क्यों उछले दाम? (why copper price rising)
इस तेज उछाल के पीछे सबसे बड़ी वजह ग्लोबल सप्लाई की कमी (global copper shortage) है। चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर कंज्यूमर है, उसके टॉप स्मेल्टर्स ने 2026 में 10% आउटपुट (China copper smelter cut) कट करने पर सहमति दी है। इससे रिफाइंड कॉपर की उपलब्धता और घटने की आशंका है।
बाजार में तेजी को और हवा दी है बड़े ग्लोबल बैंकों ने। Citi ने कॉपर पर सुपर बुलिश नजरिया रखते हुए कहा है कि 2026 की दूसरी तिमाही में कॉपर का औसत भाव 13,000 डॉलर तक जा सकता है, जबकि बुल टारगेट 15,000 डॉलर रखा गया है। वहीं Goldman Sachs ने 2026 की पहली छमाही का आउटलुक बढ़ाकर 10,710 डॉलर कर दिया है और कहा कि लंबे समय के फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं।
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चिली में प्रोडक्शन 7% घटा
सप्लाई की तंगी सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है। चिली, जो दुनिया का सबसे बड़ा कॉपर उत्पादक है, उसकी प्रोडक्शन 7% घट गई है, जिससे वैश्विक स्तर पर दबाव और बढ़ा है। चीन के SHFE वेयरहाउस में भी कॉपर स्टॉक 9.22% गिर गया है, जो साफ संकेत है कि फिजिकल मार्केट में उपलब्धता तेजी से कम हो रही है।
5 लाख टन की कमी का अनुमान
इसके अलावा, दुनिया भर में कॉपर कंसन्ट्रेट की करीब 5 लाख टन की कमी (copper supply shortage) अगले साल भी जारी रहने का अनुमान है। हालांकि, अमेरिका में Comex इन्वेंटरी बढ़ी है, जिससे वहां सप्लाई की स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर दिखती है। आयात की बात करें तो ऊंची कीमतों के कारण चीन के कॉपर इम्पोर्ट लगातार दूसरे महीने घटे हैं। दूसरी ओर, Rio Tinto ने 2025 के लिए प्रोडक्शन आउटलुक बढ़ाकर 8.75 लाख टन तक कर दिया है, जिससे मध्यम अवधि में राहत मिल सकती है।
दिन भर कैसी रही तांबे की चाल?
MCX पर 31 दिसंबर 2025 एक्सपायरी वाला कॉपर सोमवार रात 8:30 बजे 1095.55 रुपए (Copper Price Today) पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले सत्र से 2.20 रुपए ज्यादा है। दिन का हाई 1103.95 रुपए और लो 1088.10 रुपए रहा। कुल मिलाकर, सोना-चांदी जहां लगातार उतार-चढ़ाव के बाद स्थिर बने हुए हैं, वहीं कॉपर की चमक इस समय सबसे ज्यादा नजर आ रही है।
SOURCE- MCX

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