सीमेंट कंपनियां GST कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने में विफल, क्या कहती है यस सिक्योरिटीज की रिपोर्ट?
यस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार सीमेंट कंपनियों ने जीएसटी कटौती (Cement GST rate cut) के लाभ को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के बजाय स्वयं रखने की कोशिश की है। सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया था जिसके बाद सीमेंट की कीमतों में कमी की उम्मीद थी।

नई दिल्ली। यस सिक्योरिटीज ने अपने ताजा उद्योग अपडेट में कहा है कि सीमेंट कंपनियां उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित जीएसटी कटौती लाभ को अपने पक्ष में करने के लिए रणनीतिक प्रयास कर रही हैं।
सीमेंट पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 सितंबर से यह कटौती लागू होने के बाद उपभोक्ता स्तर पर सीमेंट के मूल्य में कमी की उम्मीदें बढ़ गई थीं।
हालांकि, चैनल जांच से पता चला है कि पूरे भारत में सीमेंट की औसत कीमत में मासिक और तिमाही आधार पर केवल पांच रुपये प्रति बैग कम हुई है।
चूंकि दर में कटौती महीने के अंत में लागू हुई है। ऐसे में कंपनियों ने एक भारित औसत मूल्य निर्धारण दृष्टिकोण अपनाया।
हालांकि, मूल्य में यह मामूली सुधार ग्राहकों को मामूली लाभ दर्शाता है। इसका कारण यह है कि निर्माताओं ने मानसून के व्यवधान और सुस्त मांग के बीच मार्जिन की सुरक्षा के लिए कर लाभ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपने पास रखा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी दरों में कटौती से पहले कंपनियों ने अगस्त के अंतिम सप्ताह से लेकर सितंबर के दूसरे सप्ताह तक मूल्य वृद्धि का प्रयास किया और कुछ क्षेत्रों में अगस्त के अंतिम सप्ताह में 10-15 रुपये प्रति बैग की वृद्धि लागू करने में सफल भी रहीं। रिपोर्ट के अनुसार, मानसून के कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सीमेंट में मांग में सुस्ती रही है।
वहीं कई बड़ी कंपनियों ने तो अपने सीमेंट के दाम भी कम कर दिए हैं। भारत की टॉप सीमेंट कंपनियों की बात करें तो नंबर वन पर कुमार मंगलम बिड़ला की अल्ट्राटेक सीमेंट है। इसके अलावा गौतम अदाणी समूह की एसीसी और अंबुजा सीमेंट जैसी कंपनियां भी टॉपर हैं।
एक बोरी की कीमत 50 रुपये हुई सस्ती
अल्ट्राटेक सीमेंट की विभिन्न प्रकार के सीमेंट की कीमतों में 50 रुपये प्रति बोरी तक की कमी की गई है। उदाहरण के लिए, पीपीसी सीमेंट की कीमत अब 550 रुपये से घटकर 500 रुपये हो गई है, जबकि पीसीसी प्रीमियम एलपीपी की कीमत 600 रुपये से घटकर 550 रुपये हो गई है। कंपनी ने अपने डीलरों को नई दरों पर स्टॉक बेचने का निर्देश दिया है, और नई दरों से पहले भेजे गए किसी भी पुराने स्टॉक की बोरी पर पुराने और नए, दोनों एमआरपी अंकित होंगे।
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