मखाना-लीची ही नहीं, बिहार इन फसलों में भी है देश का बादशाह; कौन-कौन सी फसलें बनाती हैं इसे 'एग्री पॉवरहाउस'?
Top crops grown in Bihar: क्या आप जानते हैं कि बिहार सिर्फ मखाना और लीची में ही नंबर वन नहीं, बल्कि कई और फसलों में देश का सिरमौर बन चुका है। ऐसी कई फसलें हैं, जिनमें बिहार देश का बादशाह है, तो कई फसलें ऐसी भी हैं, जिनमें बिहार देश में दूसरे और तीसरे नंबर पर आता है। अब सवाल है कि आखिर कौन सी हैं वो फसलें? चलिए जानते हैं।

बिहार लीची और मखाना के अलावा मशरूम, सिंघाड़ा, लौकी जैसी फसलों में भी देश में सबसे आगे है।
नई दिल्ली|बिहार का नाम लेते ही आपके मन में सबसे पहले क्या आता है? मखाना (Bihar Makhana), लीची या फिर कुछ और... लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार सिर्फ इन्हीं दो चीजों में नंबर वन नहीं, बल्कि कई और फसलों में देश का सिरमौर बन चुका है। ऐसी कई फसलें हैं, जिनमें बिहार देश का बादशाह है, तो कई फसलें ऐसी भी हैं, जिनमें बिहार देश में दूसरे और तीसरे नंबर पर आता है। अब सवाल है कि आखिर कौन सी हैं वो फसलें? चलिए जानते हैं।
इन पांच फसलों के प्रोडक्शन में नंबर-1 है बिहार
बिहार लीची और मखाना (Bihar Fox Nut) के अलावा मशरूम, सिंघाड़ा, लौकी जैसी फसलों में भी देश में सबसे आगे है। खेती-किसानी के मामले में बिहार अब पूरे देश के लिए रोल मॉडल बनता जा रहा है।
1. लीची
बिहार लीची का 'राजधानी' है और उसे शाही लीची (Bihar Shahi Litchi) की जीआई टैग प्राप्त हो चुका है। बिहार में सालाना 3,00,000 टन से लेकर 3,22,000 टन लीची का उत्पादन होता है। देशभर में हुए प्रोडक्शन में इसका हिस्सा करीब 40-43 फीसदी है। देश के अलावा ब्रिटेन, यूएई, नेपाल, यूरोप (फ्रांस,-जर्मनी), थाईलैंड और ऑट्रेलिया जैसे देशों में भी बिहार की लीची की डिमांड रहती है। भारत से हर साल करीब 5000 से 7000 टन लीची निर्यात की जाती है।
2. मखाना
बिहार के मिथिला मखाना को जीआई टैग प्राप्त है। राज्य में सालाना 10,000 टन से लेकर 1,20,000 टन मखाना (बीज) और 40,000 टन प्रोसेस्ड मखाना का प्रोडक्शन होता है। बिहार में देश का 80-90 फीसदी मखाना का उत्पादन होता है। खास बात यह है कि इसका सबसे ज्यादा उत्पादन राज्य के मधुबनी और दरभंगा समेत 10 जिलों में होता है। इसका भारत से सालाना कुल निर्यात 25,130 टन है, जो अमेरिका, यूएई, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल और ब्रिटेन निर्यात किया जाता है।
3. मशरूम
बिहार में मशरूम का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। खासकर साल 2021-2022 से, जो बिहार को 13वें नंबर से पहले पायदान पर ले आया। बिहार में बटन और ऑयस्टर किस्में प्रमुख हैं और यहां हर साल 28,000 टन से लेकर 41,310 टन मशरूम का उत्पादन होता है। बिहार में देश का 10 से 12 फीसदी मशरूम का उत्पादन होता है। इसका निर्यात पश्चिम बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य समेत नेपाल, चीन, और जापान में भी किया जाता है। मशरूम में भारत का कुल निर्यात 7768 टन सालाना है।
4. सिंघाड़ा (वाटर चेस्टनट)
बिहार में हर साल 50,000 से 1,00,000 टन सिंघाड़ा का प्रोडक्शन होता है। 70 से 80 फीसदी सिंघाड़ा की पैदावार उत्तर बिहार में होता है। भारत से सिंघाड़ा का कुल निर्यात 1000 टन प्रति वर्ष होता है, जो अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, यूएई, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब और सिंगापुर भेजा जाता है।
5. लौकी
गर्मी-मानसून मौसम की फसल है। इसका उत्पादन गंगा घाटी बिहार के उपजाऊ मैदानों में होता है। राज्य में सालाना इसका उत्पादन 6,54,000 टन से लेकर 6,63915 टन तक है। बिहार में देश की 18-21 फीसदी लौकी की पैदावार होती है। इसका निर्यात बांग्लादेश और नेपाल में होता है। लौकी के मामले में बिहार घरेलू बाजार पर केंद्रित है।
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दूसरे-तीसरे नंबर पर भी दमदार प्रदर्शन
बिहार सिर्फ पहले नंबर तक ही सीमित नहीं है। बिहार जूट और मेस्टा उत्पादन में देशभर में दूसरे स्थान पर है। वहीं आलू, मसूर दाल, हरी मिर्च, भिंडी और फूलगोभी जैसी लोकप्रिय फसलों में बिहार तीसरे स्थान पर आता है। यानी बिहार के खेतों में सब्जियों से लेकर दाल तक, हर चीज का उत्पादन जबरदस्त तरीके से हो रहा है।
फल और सब्जियों में भी बिहार टॉप पर
अगर बात फलों की करें, तो बिहार आम, प्याज, मूली, पत्ता गोभी, गाजर और बैंगन के उत्पादन में देशभर में चौथे स्थान पर है। वहीं सूरजमुखी, गन्ना और मक्का के उत्पादन में राज्य पांचवें स्थान पर है। यह दिखाता है कि बिहार के किसान सिर्फ पारंपरिक खेती पर नहीं टिके हैं, बल्कि नई फसलों की ओर भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
एग्रीकल्चर में बढ़ता बिहार का जलवा
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार की मिट्टी और मौसम विविध फसलों के लिए बेहद उपयुक्त हैं। सरकार द्वारा दी जा रही सहायता, सिंचाई परियोजनाओं और आधुनिक तकनीक अपनाने से उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खासकर लीची और मखाने की विदेशों तक बढ़ती मांग ने बिहार के किसानों की आमदनी को नई उड़ान दी है।
कभी पिछड़े राज्यों में गिना जाने वाला बिहार अब कृषि के क्षेत्र में देश के सबसे मजबूत राज्यों में शामिल हो गया है। लीची से लेकर मशरूम और मखाने से लेकर आलू तक, बिहार की मिट्टी अब सोना उगल रही है। आने वाले समय में यह राज्य भारत के "एग्रीकल्चर हब" के तौर पर और भी बड़ी पहचान बना सकता है।
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