अमेरिका के साथ जल्द हो सकती है अंतरिम ट्रेड डील, जानिए क्या है अपडेट
India-US trade deal अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी अगले महीने भारत आने वाले हैं। पिछले सप्ताह भारतीय अधिकारियों की एक टीम वाशिंगटन गई थी जहां अमेरिकी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बात हुई। अमेरिकी अधिकारियों के भारत आने के बाद उम्मीद है कि जून के आखिरी सप्ताह में अंतरिम समझौता हो जाएगा।

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार के लिए अंतरिम समझौता (Interim trade agreement) अगले महीने हो जाने की संभावना है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर अमल दो महीने के लिए रोक दिया था, उसकी अंतिम तारीख 9 जुलाई है। इसे ध्यान में रखते हुए यह अंतरिम समझौता काफी अहम है।
अगले माह कब तक समझौता होने की उम्मीद
इस समझौते पर अगले दौर की बातचीत के लिए अमेरिकी अधिकारियों की टीम जून में भारत आने वाली है। पिछले सप्ताह वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल चार दिन के लिए वाशिंगटन गए थे। वहां उन्होंने अपने समकक्ष अमेरिकी अधिकारियों (Bilateral trade talks) के साथ बात की।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी पिछले सप्ताह अमेरिका गए थे और वहां के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक के साथ दो बार मुलाकात की, ताकि ट्रेड वार्ता को गति दी जा सके। अगले महीने अमेरिकी टीम के आने के बाद उम्मीद है कि 25 जून तक अंतरिम समझौता हो जाएगा।
भारत पर ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत भारत पर 26% शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिस पर अमल अभी रुका हुआ है। अंतरिम डील में भारत इस रेसिप्रोकल टैरिफ से पूरी तरह छूट जाता है। फरवरी में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे तब दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के पहले चरण को पूरा करने पर राजी हुए थे।
अमेरिका चार साल से भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर (India-US trade relations) बना हुआ है। वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच 131.84 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। भारत अपना 18 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को करता है। भारत के आयात में अमेरिका के हिस्सेदारी 6.22 प्रतिशत है।
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दोनों देश वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाना चाहते हैं। वित्त मंत्रालय की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अगर दोनों देशों के बीच समझौता होता है तो इससे भारत के लिए अमेरिका में मार्केट एक्सेस बढ़ेगा और निर्यात को गति मिलेगी।
निर्यात बढ़ाने के लिए भारत टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, लेदर गुड्स, गारमेंट, प्लास्टिक, केमिकल, श्रिंप, तिलहन, केमिकल जैसे लेबर इंटेंसिव सेक्टर में ड्यूटी में छूट चाहता है। दूसरी तरफ अमेरिका कुछ खास तरह के इंडस्ट्रियल गुड्स, ऑटोमोबाइल (खासकर इलेक्ट्रिक वाहन), वाइन, पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट, डेयरी तथा सेब और जीएम फसलों में रियायत चाहता है। भारत में जीएम फसलों के आयात पर रोक है।
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