बजट 2019: होम बायर्स संस्थान FPCE ने विलंबित प्रोजेक्ट्स के लिए सरकार से की 10,000 करोड़ की मांग
होम बायर्स संस्थान FPCE का कहना है कि सरकार को इस Budget 2019 में देश भर में रुकी हुई Real estate परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10000 करोड़ रुपये का फंड देना चाहिए।
एफपीसीई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने कहा, "आपको जानकारी होगी कि पांच लाख से अधिक घर खरीदारों की मेहनत की कमाई देशभर में बिल्डरों द्वारा अनिश्चितकालीन देरी और फंड डायवर्जन के कारण देश भर के विभिन्न रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में अटकी हुई है।" उन्होंने कहा कि सरकार को इन खर खरीदारों का मानसिक और वित्तीय तनाव दूर करने के लिए बजट का आवंटन करना चाहिए।
अपनी मांग में FPCE ने आगे कहा, ‘रियल्टी लॉ के बावजूद अधिकांश परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं। अब समय आ गया है कि इस समस्या के समाधान के लिए कम से कम 10,000 करोड़ रुपये का ‘स्ट्रेस फंड’ जारी होना चाहिए ताकी देश भर में अटकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं को चालू किया जा सके।’ एफपीसीई ने कहा कि इस स्ट्रेस फंड से यह सेक्टर तेजी से विकास करेगा और इसमें विश्वास की बहाली हो सकेगी।
एसोसिएशन ने कहा कि परियोजनाओं के निष्पादन में देरी होना रियल एस्टेट सेक्टर में एक प्रतिबंध की तरह है। अपनी मांग में एसोसिएशन ने कहा, ‘यह भी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग की मांग के लिए एक ब्रीडिंग ग्राउंड बन गया है, जिसमें घर घरीदारों को असुरक्षित लेनदारों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और इस प्रकार उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई को जोखिम में डाल दिया जाता है। इसीलिए केंद्र को यह सुझाव दिया जाता है कि, तुरंत या तो वित्त विधेयक के माध्यम से या इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बिल 2016 में संशोधन करके, घर खरीदारों को प्राथमिक सुरक्षित लेनदार बनाया जाना चाहिए।’
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