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Education Budget 2022: बढ़े शिक्षा का बजट, गर्ल्स एजुकेशन, ई-लर्निंग पर फोकस सहित जानिए वित्त मंत्री से और क्या-क्या हैं आस

Education Budget Expectations 2022दुनिया भर में कोरोना महामारी के चलते ई-लर्निंग एक प्रभावी समाधान बनाकर उभरा है। देश भर मेंलगभग जब दो साल स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे थे उस वक्त ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई थींलेकिन ग्रामीण दूर-दराज में इंटरनेटकनेक्टिविटी की अच्छी सुविधा नहीं होने सेटीचर्स को दिक्कत हुई थी।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Mon, 31 Jan 2022 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 07:18 AM (IST)
Education Budget 2022: बढ़े शिक्षा का बजट, गर्ल्स एजुकेशन, ई-लर्निंग पर फोकस सहित जानिए वित्त मंत्री से और क्या-क्या हैं आस
Education Budget 2022: इस साल 2022 का बजट पेश होने में अब बस कुछ घंटों का वक्त ही बचा है।

नई दिल्ली एजुकेशन डेस्क। Education Budget Expectations 2022: इस साल यानी कि 2022 (Union budget 2022-23) का बजट पेश होने में अब बस कुछ घंटों का वक्त ही बचा है। कुछ समय बाद यानी कि कल 1, 2022 फरवरी को तस्वीर साफ हो जाएगी कि आखिर इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के पिटारे से आखिर आम टैक्सपेयर्स, कॉर्पोरेट्स, बुजुर्ग, महिलाएं, स्टूडेंट सबको क्या खास मिला है, लेकिन इस बीच में अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ एजुकेशन फील्ड भी क्या-क्या उम्मीदें लगाए हैं आइए इस पर डालते हैं एक नजर।

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शिक्षा क्षेत्र में बजट की हो बढ़ोत्तरी

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साल शिक्षा क्षेत्र उम्मीद लगाए बैठा है कि पिछले साल की महामारी के चलते की गई बजट कटौती में इस बार सुधार किया जाए।दरअसल, पिछले साल यानी कि 2021 के बजट में सरकार ने एजुकेशन सेक्टर के लिए 93224 करोड़ का ऐलान किया था। यह साल 2020 के बजट अनुमान से यह 6000 करोड़ कम था। सरकार ने महामारी के चलते अन्य क्षेत्रों में नुकसान को देखते हुए य फैसला लिया था। इसके चलते इस साल उम्मीद की जा रही है कि इसकी भरपाई की जाए और एजुकेशन फील्ड में इसकी बढ़ोत्तरी की जाए। इससे विश्व स्तरीय शैक्षिक, बुनियादी ढांचे, शिक्षा के अधिकार को बनाए रखने, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्किल्स को बढ़ावा देने, उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने, छात्रवृत्ति प्रदान करने सहित अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सके।

गर्ल्स एजुकेशन को मिले बढ़ावा

पिछले दो सालों में आई कोविड -19 महामारी ने लड़कियों की शिक्षा बाधित की है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राइट टू एजुकेशन फोरम ने सेंटर फॉर बजट एंड पॉलिसी स्टडीज और चैंपियंस फॉर गर्ल्स एजुकेशन के साथ मिलकर भारत के भी पांच राज्यों में किए गए शोध में यह बात सामने आई थी कि, कम आय के चलते के सेकेंडरी स्कूल में पढ़ रही लाखों की संख्या में लड़कियां कोरोना खत्म होने के बाद भी स्कूल नहीं लौट सकेंगी। दरअसल, कई लड़कियों को घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया गया था। ऐसे में नई शिक्षा नीति NEP 2020 के तहत बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जेंडर आधारित फंड भी होना चाहिए। इसलिए, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिक्षक उम्मीद कर रहे हैं कि बजट 2022 में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की नीति होगी। माता-पिता को छात्रवृत्ति, टैक्स छूट देकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है ताकि गरीब माता-पिता अपनी बेटियों को भी पढ़ा सकें।

टीचर्स को मिले टेक्निकल ट्रेनिंग

दुनिया भर में कोरोना महामारी के चलते ई-लर्निंग एक प्रभावी समाधान बनाकर उभरा है। देश भर में, लगभग जब दो साल स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे थे, उस वक्त ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई थीं, लेकिन ग्रामीण दूर-दराज में इंटरनेट कनेक्टिविटी की अच्छी सुविधा नहीं होने, टीचर्स को ऑनलाइन ट्रेन्ड नहीं होने, ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को ऑनलाइन टीचिंग में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ना। टीचर्स को तकनीकी रुप से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस समस्या को रोकने के लिए, हमारे शिक्षकों के लिए तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनिंग सीखना अनिवार्य है। इसलिए केंद्रीय बजट 2022 से उम्मीद है कि मौजूदा शिक्षकों के तकनीकी प्रशिक्षण के लिए कुछ धन आवंटित किया जाना चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और बिना किसी गड़बड़ी के छात्रों को उनकी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल करना चाहिए।


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