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Budget Expectations 2022: आने वाले बजट से ऑटो इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें, बड़ी घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार

Budget Expectations 2022 सरकार ने इससे पहले इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई सुधार किए हैं लेकिन पिछले दो वर्षों में मैन्यूफैक्चरिंग और बिक्री पर इसका असर कुछ खास नहीं दिखा। लेकिन इस बार इस सेक्टर को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है।

By Atul YadavEdited By: Published: Mon, 31 Jan 2022 06:22 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 07:29 AM (IST)
Budget Expectations 2022: आने वाले बजट से ऑटो इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें, बड़ी घोषणाओं का बेसब्री से इंतजार
Budget Expectations 2022: आने वाले बजट से ऑटो इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस के वैश्विक प्रकोप के चलते ऑटो इंडस्ट्री काफी हद तक टूट गया है। 2021 से इस सेक्टर ने धीरे-धारे रफ्तार पकड़ी है। हालांकि, पिछले साल के बजट 2022 में ऑटो इंडस्ट्री को कुछ खास सौगात नहीं मिला। लेकिन इस साल वाहन निर्माताओं का मानना है कि 1 फरवरी को आने वाले बजट में सरकार ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कोई महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है।

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भारत के जीडीपी में ऑटो इंडस्ट्री का बड़ा योगदान

ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्री का भारतीय जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान है। इसलिए इंडस्ट्री इसे और भी सुचारू रूप से चलने के लिए एक बार फिर कुछ मजबूत और उपयोगी सुधारों के लिए आगामी बजट पर उम्मीदें लगा रही है।

COVID-19 महामारी के बाद, ऑटो सेक्टर बढ़ती निर्माण सामग्री की कीमतों, सेमीकंडक्टर की कमी, कम बिक्री की समस्या से जूझ रही है और इस प्रकार अब आगे एक जोरदार सुधार के लिए सुधारों की आवश्यकता है। सरकार ने इससे पहले इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई सुधार किए हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों में मैन्यूफैक्चरिंग और बिक्री पर इसका असर कुछ खास नहीं दिखा। इसके अलावा, दुनिया भर में कंप्यूटर चिप्स की कमी है, जिससे गाड़ियों का प्रोडक्शन रेट काफी कम हो रहा है।

उत्पादन प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) और ऑटो और उन्नत रसायन कोशिकाओं (एसीसी) पीएलआई योजना जैसे सरकार केंद्रित सुधारों ने देश के भीतर एडवांस मोटर वाहन प्रौद्योगिकी के उत्पादों के निर्माण के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर प्रदान किया है और इसे बनाने में भी मदद की है। देश विश्व बाजार के लिए एक निर्यात केंद्र है।

जैसा कि हम सब जानते हैं कि सरकार ने भारत में बने प्रोडक्ट्स पर जोर दे रही है। जिसको देखते हुए अनुमान जा रहा है कि सरकार एएटी उत्पादों और एसीसी पर सीमा शुल्क दरों में चरणबद्ध वृद्धि की योजना बना सकती है। जिससे इस सेक्टर को काफी लाभ हो सकता है। इस साल आने वाले बजट में वित्त मंत्री इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सेक्टर पर भी फोकस कर सकती हैं, क्योंकि ऑटो इंडस्ट्री ईवी क्षेत्र कुछ सालों से लगातार बढ़ रही है।

एक और महत्वपूर्ण सुधार जो ऑटो उद्योग आगे देख रहा है, वह है RoDTEP दर के आधार पर वृद्धि। उद्योग का विचार है कि ऑटो क्षेत्र के लिए अधिसूचित मौजूदा आरओडीटीईपी दरें गैर-विश्वसनीय करों को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, जो देश के बाहर निर्यात किए जा रहे उत्पाद में लागत के रूप में निर्मित हो रहे हैं।

कुल मिलाकर इस बार सरकार ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए लॉन्ग टाइम स्ट्रेटजी पर ध्यान केंद्रित करते हुए सुधारों की रूपरेखा तैयार करने के अवसर का उपयोग कर सकती है, जिससे निश्चित रूप से सभी क्षेत्रों में वाहनों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।


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