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    Budget 2025: मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा, बजट में कॉरपोरेट टैक्स में नए निवेशकों को छूट दे सकती है सरकार

    मैन्यूफैक्चरिंग में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार नई यूनिट के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 15-18 प्रतिशत कर सकती है। अभी घरेलू कारपोरेट के लिए यह दर 22 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में मैन्यूफैक्चरिंग का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग के प्रदर्शन को बेहतर किए बगैर रोजगार और विकास दर में बढ़ोतरी संभव नहीं है।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 17 Jan 2025 11:35 PM (IST)
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    मेक इन इंडिया के प्रोत्साहन के लिए कारपोरेट टैक्स में मिल सकती है छूट (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी बजट में सरकार मैन्यूफैक्चरिंग व मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में नए निवेशकों को राहत दे सकती है। ताकि निजी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।

    सूत्रों के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग में निजी निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार नई यूनिट के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 15-18 प्रतिशत कर सकती है। अभी घरेलू कारपोरेट के लिए यह दर 22 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में मैन्यूफैक्चरिंग का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।

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    रोजगार और विकास दर में बढ़ोतरी संभव नहीं

    मैन्यूफैक्चरिंग के प्रदर्शन को बेहतर किए बगैर रोजगार और विकास दर में बढ़ोतरी संभव नहीं है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने खुद ही विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले चार वित्त वर्ष में सबसे कम होगा। इसे देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विकास दर को सात प्रतिशत से ऊपर ले जाने की होगी।

    विभिन्न औद्योगिक संगठनों की तरफ से वित्त मंत्रालय के साथ बजट पूर्व बैठक में कारपोरेट टैक्स में छूट देने की मांग रखी गई थी। सूत्रों के मुताबिक सरकार अब नए निवेश पर छूट देने का मन बना रही है।

    निवेश पर कॉरपोरेट टैक्स को 15 प्रतिशत

    इस प्रकार की स्कीम वर्ष 2019 में भी लाई गई थी और तब नए निवेश पर कॉरपोरेट टैक्स को 15 प्रतिशत कर दिया गया था। लेकिन उसके ठीक बाद कोरोना महामारी के आ जने से इस स्कीम का बहुत लाभ नहीं मिल सका।

    हालांकि मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने लिए वर्ष 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम की घोषणा की गई और अब तक 14 सेक्टर में पीएलआई स्कीम लाई जा चुकी है। लेदर जैसे रोजगारपरक सेक्टर के लिए भी बजट में पीएलआई की घोषणा हो सकती है।

    सरकार किसान क्रेडिट कार्ड लोन की सीमा बढ़ा सकती है

    मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की राशि सीमा को तीन लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख तक कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो इसका लाभ किसान क्रेडिट कार्ड रखने वाले 7.4 करोड़ किसानों को मिल सकता है। कृषि की बढ़ती लागत को देखते हुए किसानों की तरफ से यह मांग पहले से की जा रही है।

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