Budget 2023 में मिलेगी निवेशकों को राहत? Capital Gain Tax पर खुशखबरी की उम्मीद
Budget 2023 में इस बार कैपिटल गेन टैक्स में राहत को लेकर वित्त मंत्री से उम्मीद लगाई जा रही है। वहीं कई लोग इसकी छूट की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जानें एक्सपर्ट इस मुद्दे पर क्या कह रहे हैं। (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Budget 2023 से पहले कैपिटल गेन टैक्स को लेकर चर्चा गर्म है। इसको लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं। लोग भी अलग-अलग टैक्स के मुद्दों पर वित्त मंत्री से राहत चाहते हैं। निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण कैपिटल गेन टैक्स पर इस बार के बजट में क्या एलान हो सकते हैं। हमने रिटायर्ड इनकम टैक्स कमिश्नर गौरव अग्रवाल से पूरे मामले को समझने की कोशिश की।
किस एसेट्स पर कितना लगता है कैपिटल गेन टैक्स
कैपिटल गेन टैक्स दो प्रकार के होते हैं। पहला- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और दूसरा- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स। एसेट्स के हिसाब से इसकी परिभाषा निर्धारित की गई है और इनकी एक समय सीमा के बाद बिक्री पर मुनाफा होने पर ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। अन्यथा इससे पहले बेचने पर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है।
कब लगता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
- इक्विटी और म्यूचुअल फंड - एक साल
- नॉन इक्विटी म्यूचुअल फंड - तीन साल
- रियल एस्टेट - दो साल
- लिस्टिड बॉन्ड - एक साल
कितना लगता है टैक्स?
इक्विटी और म्यूचुअल फंड को एक साल से अधिक समय तक रखने के बाद आपको एक लाख से अधिक का मुनाफा होता है, तो आपके बिना इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत का टैक्स लगता है। वहीं, इस पर शॉर्ट टर्म में 10 प्रतिशत टैक्स भरना पड़ता है। नॉन इक्विटी म्यूचुअल फंड में शॉर्ट टर्म में इनकम टैक्स स्लैब के अुनसार और लॉन्ग टर्म में 20 प्रतिशत इंडेक्सेशन के साथ टैक्स भरना पड़ता है। ऐसा ही रियल एस्टेट में होता है। लिस्टिड बॉन्ड में इंडेक्सेशन के साथ 10 प्रतिशत तक का टैक्स भरना पड़ता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
गौरव अग्रवाल का कहना है कि लॉन्ग कैपिटल गेन टैक्स में छूट की सीमा फिलहाल एक लाख रुपये है। सरकार को लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए इसकी छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये तक बढ़ानी चाहिए।
ये भी पढ़ें-
Budget 2023: कम हो होम लोन का बोझ; Income Tax पर मिले राहत, बजट से रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीदें