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Budget 2023: लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योगों पर अधिक निवेश कर सकती सरकार, इन चीजों से हैं विस्तार की उम्मीद

Budget 2023 लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योगों को बढ़वा देने के लिए इस साल के बजट में कई योजनाओं को लाने की उम्मीद है। इसमें टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर रोजगार पर अधिक खर्च जैसे सेक्टस पर ध्यान दिया जा सकता है। (जागरण ग्राफिक्स)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghPublished: Mon, 30 Jan 2023 11:16 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2023 11:16 AM (IST)
Budget 2023: लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योगों पर अधिक निवेश कर सकती सरकार, इन चीजों से हैं विस्तार की उम्मीद
Annual Budget 2023: lifestyle and wellness industries expectations India

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Budget 2023: इस साल के यूनियन बजट को पेश करने में अब बस एक दिन रह गया है। ऐसे में विभिन्न उद्योगों से जुड़े लोग सरकार से मदद की उम्मीद लगाएं बैठे हैं। लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योग (lifestyle and wellness Industries) में भी इस साल कई तरह के समर्थन की उम्मीद जताई जा रही है। चूंकि, सरकार भारत में नए व्यवसायों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है, ऐसे में इस तरह के स्टार्ट-अप सेक्टर में डी2सी ब्रांडों को समर्थन मिल सकता है।

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रोजगार पर अधिक खर्च की उम्मीद

इस सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में स्टार्ट-अप तेजी से बढ़ रहा है, जिसने बेहतर अर्थव्यवस्था और छोटे व्यवसायों के लिए नए अवसरों को जन्म दिया है। इसलिए आगामी यूनियन बजट में इस तरह के उद्यमों को और आगे बढ़ाने और सभी स्तरों पर नए रोजगार देने के लिए अधिक खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है।

जैव ईंधन और हाइड्रोजन ईंधन को मिल सकता बढ़ावा

लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योगों में रोजगार में स्थिरता लाने के लिए जैव ईंधन और हरित हाइड्रोजन पर भी सरकार को फोकस करना चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के उद्योगों के लिए जारी पीएलआई कार्यक्रम, बुनियादी ढांचे के लिए जरूरी प्रोत्साहन प्रदान करेगा और इससे नकदी प्रवाह में तेजी आएगी।

आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी सेवाओं का विस्तार

सरकार केंद्रीय बजट 2023-2024 में वित्त तक आसान पहुंच के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी सेवाओं (ECLGS) जैसी योजनाओं का भी विस्तार कर सकती है ताकि एमएसएमई क्षेत्र के विकास में बढ़ावा मिल सके। बता दें कि वर्तमान में भारत में करीब 63 मिलियन एमएसएमई हैं, जो देश के कुल सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं।

टैक्स स्लैब में अपडेट की उम्मीद

इन सबके अलावा, इस साल के वित्तीय बजट लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योगों में लगने वाले टैक्स स्लैब में बदलाव की भी उम्मीद है। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि जीएसटी को कम करके और स्टार्ट-अप पर लगाए गए टैक्स के माध्यम से लघु और मध्यम उद्यमों का समर्थन किया जाएगा।

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