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Insurance Budget 2022: बीमा कंपनियों को वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीदें, बजट में हो सकती हैं ये अहम घोषणाएं

Budget 2022-23 for Insurance Sector कोरोना महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट में कई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद की जा रही है। इसी क्रम में बीमा क्षेत्र ने भी सरकार से काफी उम्मीदें लगा रखी हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 31 Jan 2022 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 07:24 AM (IST)
Insurance Budget 2022: बीमा कंपनियों को वित्त मंत्री से बड़ी उम्मीदें, बजट में हो सकती हैं ये अहम घोषणाएं
बीमा क्षेत्र का बजट 2022 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली, जेएनएन। Insurance Sector Budget 2022 (बीमा क्षेत्र का बजट) : देश का बजट पेश होने में अब बस एक दिन का ही समय बाकी रह गया है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट 2022 पेश करेंगी। कोरोना महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट में कई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद की जा रही है। इसी क्रम में बीमा क्षेत्र ने भी सरकार से काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। इस सेक्टर को उम्मीद है कि आम बजट में बीमा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तोहफे देगी, जिससे लोग भी इंश्योरेस को लेकर जागरूक होंगे। आइए जानते हैं इंश्योरेंस सेक्टर में क्या-क्या हो सकती हैं घोषणाएं-

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हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर नई घोषणाओं की उम्मीद

कोरोना महामारी के बीच पेश हो रहे बजट 2022 से इंश्योरेंस कंपनियों को काफी उम्मीदें हैं। कंपनियों को उम्मीद है कि मुश्किल समय को देखते हुए सरकार हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर कई घोषणाएं कर सकती है।

जीएसटी कम करने से होगा फायदा

बीमा कंपनियों का मानना है कि देश की ज्यादातर आबादी के पास इंश्योंरेस नहीं है, और ज्यादा से ज्याद लोगों तक इसका फायदा पहुंचाना जरूरी है। बीमा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि महंगा होने की वजह से लोग हेल्थ इंश्योरेंस नहीं खरीदते हैं। ऐसे में अगर सरकार बजट में इंश्योरेंस प्रीमियम को सस्ता करने के लिए जीएसटी को 18 फीसद से घटाकर 5 फीसद कर देती है तो लोग बीमा लेने के लिए आकर्षित होंगे। वहीं, लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां जीवन बीमा प्रीमियम पर इनकम टैक्स में अलग से टैक्स छूट चाहती है। बता दें कि वर्तमान समय में इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत डेढ़ लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। इस डेढ़ लाख रुपये की रकम में बीमा, पीपीएफ, ईएलएसएस से लेकर एनएससी में किया गया निवेश भी शामिल है। इसके अलावा, बीमा क्षेत्र से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि सरकार 80डी के तहत मेडिक्लेम पर मिलने वाली टैक्स छूट की लिमिट को 50 हजार रुपये तक कर सकती है। फिलहाल इंडिविजुअल अपने और अपने परिवार के लिए मेडिक्लेम प्रीमियम पर 25 हजार रुपये के डिडक्शन का क्लेम कर सकता है। चिकित्सा खर्च में बढ़ोतरी को देखते हुए इस छूट से निम्न आय वर्ग के लोगों को लाभ होगा।


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