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Budget 2021: खिलौना निर्माण के लिए हो सकती है अलग नीति की घोषणा, क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश

भारतीय खिलौना उद्योग में डिजाइनिंग से लेकर मार्केटिंग तक की रणनीति तैयार की गई है। बजट में प्रस्तावित नीति के तहत खिलौना क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की कोशिश होगी। खिलौना से जुड़े अनुसंधान केंद्र खोले जाएंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 08:56 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 09:26 PM (IST)
Budget 2021: खिलौना निर्माण के लिए हो सकती है अलग नीति की घोषणा, क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश
Budget 2021 ( PC : Pixabay )

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अगले सप्ताह सोमवार को पेश होने वाले बजट में खिलौना निर्माण प्रोत्साहन के लिए अलग नीति की घोषणा हो सकती है। खिलौना निर्माण प्रोत्साहन नीति को लेकर वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से साझीदारों के साथ कई चरण की बैठक आयोजित करने के बाद इसे लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। खिलौना निर्माण नीति को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है पिछले छह महीनों से इसे लेकर कई प्रकार की कवायद चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस नीति के निर्माण में दिलचस्पी ले रहे हैं।

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भारतीय खिलौना उद्योग में डिजाइनिंग से लेकर मार्केटिंग तक की रणनीति तैयार की गई है। बजट में प्रस्तावित नीति के तहत खिलौना क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की कोशिश होगी। खिलौना से जुड़े अनुसंधान केंद्र खोले जाएंगे। कई जगहों पर एकीकृत क्लस्टर खोले जाएंगे जहां निर्माण से जुड़ी तमाम सुविधाएं होंगी। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इस दिशा में काम भी शुरू हो चुका है।

खिलौना प्रोत्साहन के लिए विशेष फंड की भी घोषणा की जा सकती है। मुख्य रूप से एमएसएमई को खिलौना निर्माण से जोड़ने की कोशिश है ताकि भारत के परंपरागत खिलौनों को दुनिया के बाजार में पहचान मिले। प्रधानमंत्री मोदी मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र कर चुके हैं।

भारत के खिलौना कारोबार में 85 फीसद हिस्सेदारी आयातित खिलौने की है। आयातित खिलौनों में से 85-90 फीसद हिस्सेदारी अकेले चीन की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में भारत में खिलौने का कारोबार 1.75 अरब डॉलर यानी लगभग 12,775 करोड़ रुपये का रहा जो 2023 तक 3.3 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच सकता है। विश्व का खिलौना बाजार 90 अरब डॉलर का है और इसमें भारत की हिस्सेदारी नगण्य है।


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