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    Budget 2025: क्या बजट में मिडिल क्लास को मिलेगी राहत, इनकम टैक्स में होगी कटौती?

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 01:29 PM (IST)

    Budget 2025 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बजट से मिडिल क्लास को काफी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स के मोर्चे पर। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया ने एक सर्वे किया है जिसमें शामिल लोगों में से करीब 57 फीसदी लोगों का मानना है कि बजट में इंडिविजुअल इनकम टैक्स की दरें कम की जानी चाहिए।

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    सरकार इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए इनकम टैक्स रेट घटा सकती है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के अधिकतर टैक्सपेयर्स चाहते हैं कि आगामी बजट में इनकम टैक्स में कटौती की जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया ने एक सर्वे किया है, जिसमें शामिल लोगों में से करीब 57 फीसदी लोगों का मानना है कि बजट में इंडिविजुअल इनकम टैक्स की दरें कम की जानी चाहिए।

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    इनकम टैक्स रेट कम करने का सुझाव

    कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पिछली कुछ तिमाहियों से जीडीपी ग्रोथ सुस्त पड़ रही है। इसकी वजह है कि मध्यम वर्ग के हाथ में पैसे नहीं हैं। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा टैक्स चुकाने और महंगाई से निपटने में चला जाता है। यही वजह है कि अर्थशास्त्री भी इनकम टैक्स रेट कम करने का सुझाव दे रहे हैं, ताकि मिडिल क्लास के हाथ में अधिक पैसा बचे और खपत को बढ़ावा मिले।

    क्या इनकम टैक्स रेट घटाएगी सरकार?

    सरकार इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए इनकम टैक्स रेट घटा सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इनकम टैक्स को सिंपल करने पर फोकस कर रही हैं। सरकार महंगाई को देखते हुए 10 से 15 लाख रुपये वाले इनकम टैक्स स्लैब में भी टैक्सपेयर्स को कुछ राहत दे सकती है।

    स्लैब में बदलाव से मिलेगी राहत

    कॉर्पोरेट और कानूनी सलाहकार और एयू कॉर्पोरेट एडवाइजरी एंड लीगल सर्विसेज (एयूसीएल) के फाउंडर अक्षत खेतान ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि आगामी केंद्रीय बजट 2025 से पहले सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म करना और आयकर छूट स्लैब को संशोधित कर 25 लाख रुपये करना दो प्रमुख उम्मीदें हैं।

    एनपीएस में कर कटौती सीमा बढ़ाई जाए

    ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर अखिल चांदना का कहना है कि आगामी बजट में एनपीएस में निवेश पर मिलने वाली कर कटौती सीमा में वृद्धि की जानी चाहिए और एनपीएस के निकासी नियमों को अधिक लचीला बनाया जाना चाहिए। इससे करदाताओं के हाथों में सेवानिवृत्त बचत को बढ़ावा मिलेगा। अभी एनपीएस में 50 हजार रुपये तक का निवेश कर मुक्त है।

    चांदना ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के माध्यम से हरित वातावरण को बढ़ावा देना चाहती है। ऐसे में इसके उपयोग से जुड़े कर नियमों पर सरकार से स्पष्टता की उम्मीद है। चांदना ने कहा कि ईवी की खरीद के लिए टैक्स में कटौती का लाभ मिलना चाहिए।

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