Budget 2025: आम आदमी को राहत मिले तो उड़ान भरेगी इकोनॉमी, सरकार को मिल गया ग्रोथ बढ़ाने का फॉर्मूला?
भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुछ तिमाहियों से सुस्त पड़ रही है। इससे सरकार भी चिंतित है। इसीलिए ब्रोकरेज फर्म उम्मीद लगा रही हैं कि सरकार उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है। इससे आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा और वे खर्च बढ़ाएंगे। इससे ओवरऑल इकोनॉमी को काफी फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का मानना है कि सरकार उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के लिए इंडिविजुअल इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है। फाइनेंशियल सर्विसेज प्रोवाइडर बार्कलेज की भी राय है। उसका कहना है कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार को खपत और मांग को बढ़ावा देने के लिए इंडिविजुअल इनकम टैक्स में 'असरदार' कटौती की घोषणा करनी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
नोमुरा का मानना है कि बजट में सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि, बीमा क्षेत्र में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की सीमा बढ़ाने और रुपये को सहारा देने के लिए कैपिटल फ्लो को बढ़ावा देने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत
बार्कलेज का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में राजकोषीय मजबूती की राह पर चलने के साथ आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने की कोशिश कर सकती हैं। बार्कलेज को उम्मीद है कि वित्त मंत्री न्यू टैक्स रिजीम में कुछ बदलाव करेंगी, जिससे यह अधिक टैक्सपेयर्स के लिए आकर्षक बन जाएगी।
पिछले बजट में सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत वेतनभोगी करदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये और पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया था। इससे टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिली थी।
उपभोग को समर्थन देने के प्रयास में वित्त मंत्री को कर स्लैब में बदलाव कर व्यक्तिगत आयकर दर में 'असरदार' कटौती करनी चाहिए। ऐसा करने से राजकोषीय लागत ज्यादा बढ़ने की आशंका नहीं है। इस घोषणा के तहत कर में उछाल से राजस्व में आई कमी की भरपाई हो जाएगी।
आस्था गुडवानी, बार्कलेज की भारत स्थित मुख्य अर्थशास्त्री
आम आदमी को क्या राहत मिलेगी?
बार्कलेज के मुताबिक, सरकार महंगाई को कंट्रोल करके लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ाने का उपाय कर सकती है। इसका एक प्रभावशाली तरीका फ्यूल यानी पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती भी हो सकती है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के बावजूद ईंधन की खुदरा कीमतें 2022 से ही लगभग स्थिर बनी हुई हैं।
इस बजट में कस्टम ड्यूटी से जुड़े कुछ एलान भी हो सकते हैं। इनसे पता चलेगा कि भारत सरकार अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने पर टैरिफ को लेकर कैसी प्रतिक्रिया देगी। ट्रंप ने कई देशों से होने वाले आयात पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। इससे ग्लोबल टैरिफ वॉर छिड़ने की आशंका जताई जा रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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