Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Budget 2023: क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण, बजट से पहले क्यों किया जाता है जारी, जानें इसका इतिहास और महत्व

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Tue, 31 Jan 2023 10:12 AM (IST)

    Budget 2023 देश का आर्थिक सर्वेक्षण आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में पेश किया करेंगी। आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक वार्षिक रिपोर्ट है। 1950-51 में पहली बार इसे पेश किया गया था। (जागरण ग्राफिक्स)

    Hero Image
    Budget 2023 Economic Survey released today nirmala sitharaman

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) हर साल आम बजट से ठीक एक दिन पहले पेश किया जाता है। संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद ही वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और 23 फरवरी को समाप्त होगा।

    आर्थिक सर्वेक्षण क्या है? (What is Economic Survey?)

    आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक वार्षिक रिपोर्ट है। यह पिछले एक साल में देश के आर्थिक प्रगति और प्रदर्शन का लेखा -जोखा होता है। आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी मुख्य आंकड़े पेश किए जाते हैं। इसमें अर्थव्यवस्था के मुख्य घटकों जैसे महंगाई दर, बुनियादी ढांचे, कृषि और विदेशी मुद्रा भंडार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में रुझानों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण में देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों के बारे में बताया जाता है। इसे वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार करता है।

    आर्थिक सर्वेक्षण का इतिहास (History of Economic Survey)

    देश का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। 1964 से पहले ये बजट का हिस्सा होता था, लेकिन इसे अलग कर दिया गया और बजट से एक दिन पहले जारी किया जाने लगा। तब से लेकर अब तक यही पंरपरा चली आ रही है।

    इसे दो भागों में बांटा जाता है। पहले में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का पूरा विवरण दिया जाता है। दूसरे भाग स्वास्थ्य, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और मानव विकास सूचकांक जैसे विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित होता है

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

    ये भी पढ़ें-

    2024 में 4 प्रतिशत तक गिर सकती है महंगाई दर, विकास दर में भी नंबर 1 बना रहेगा भारत: IMF

    Budget 2023: जनता की उम्मीद, बढ़ाई जाए वंदे भारत ट्रेनों की संख्या, महिला सुरक्षा और सफाई पर हो फोकस