नए साल पर नहीं आएगा आपका ऑर्डर, पहले से कर लीजिए इंतजाम; कहां गए Zomato-Swiggy-Zepto के डिलीवरी पार्टनर?
नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर, 2025) पर देशव्यापी डिलीवरी पार्टनर हड़ताल से ऑनलाइन फूड और क्विक कॉमर्स सेवाओं पर असर पड़ेगा। तेलंगाना गिग एंड प्ले ...और पढ़ें

नए साल पर नहीं आएगा आपका ऑर्डर, पहले से कर लीजिए इंतजाम; कहां गए Zomato-Swiggy-Zepto के डिलीवरी पार्टनर?
नई दिल्ली। आज 2025 की आखिरी रात है। करोड़ों लोग आज की रात पार्टी करने की तैयार हैं। कोई पब जाएगा तो कोई अपने घर पर दोस्तों के साथ ही पार्टी करेगा। घर पर रहकर न्यू ईयर पार्टी (Happy New Year 2026) करने वालों की संख्या ज्यादा ही रहेगी। ये रात क्विक ई-कॉमर्स कंपनियों के कमाई के लिए सबसे अच्छी रात मानी जाती है। हर साल नए साल की रात ये कंपनियों खूब कमाई करती हैं। लेकिन आज इनकी कमाई चौपट हो सकती है। कारण है डिलीवरी पार्टनर्स (New Year Eve strike) की हड़ताल।
नए साल की शाम को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए पार्टी की आखिरी मिनट की जरूरतों, खाने के ऑर्डर और किराना सामान की डिलीवरी में पूरे भारत में दिक्कतें आ सकती हैं, क्योंकि गिग और डिलीवरी वर्कर 31 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल (nationwide strike) पर हैं। यह हड़ताल तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स ने बुलाई है, जिसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली-NCR, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में क्षेत्रीय मजदूर समूहों का समर्थन मिला है।
ऑनलाइन खाने के भरोसे मत बैठिए
नए साल की शाम ऑनलाइन ऑर्डर के लिए साल के सबसे व्यस्त दिनों में से एक होती है, इसलिए इस विरोध प्रदर्शन से कई शहरों में फूड डिलीवरी, क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
Zomato, Swiggy, Blinkit, Zepto, Amazon और Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स के हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है। यूनियनों का कहना है कि इस कार्रवाई से उन रिटेलर्स और प्लेटफॉर्म्स को नुकसान हो सकता है जो साल के आखिर में सेल्स टारगेट पूरे करने के लिए लास्ट-माइल डिलीवरी पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं।
इस स्थिति में अगर आप ऑनलाइन खाना मंगाकर खाने का सपना देख रहे हैं तो आपका सपना चकनाचूर हो सकता है।
तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) के प्रेसिडेंट शेख सलाउद्दीन ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि इन वर्कर्स में Swiggy, Zomato, Zepto और Amazon जैसी कंपनियों से जुड़े लोग शामिल हैं, और उन्होंने अपनी मांगों को मनवाने के लिए इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) के तहत एकजुट होकर यह हड़ताल की है।
गिग वर्कर्स क्यों कर रहे हैं हड़ताल?
यूनियनों के अनुसार, डिलीवरी पार्टनर जो भारत के ऐप-बेस्ड कॉमर्स सिस्टम की रीढ़ हैं, उन्हें ज्यादा घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि उनकी कमाई कम हो रही है।
उनका आरोप है कि वर्कर्स को असुरक्षित डिलीवरी टारगेट, नौकरी की सीमित सुरक्षा, काम पर सम्मान की कमी और बेसिक सोशल प्रोटेक्शन तक लगभग कोई पहुंच नहीं मिलती है।
10-मिनट डिलीवरी सिस्टम को वापस लिया जाए। वर्कर्स का दावा है कि यह मॉडल उन्हें जल्दबाजी करने पर मजबूर करता है, स्ट्रेस बढ़ाता है और सड़कों पर उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है।
पहले के पेमेंट सिस्टम को वापस लाया जाए, जिसके बारे में वर्कर्स का कहना है कि यह मौजूदा मॉडल की तुलना में ज्यादा स्थिर और पारदर्शी कमाई देता था।
मनमाने ढंग से ID ब्लॉक करने पर रोक लगाने, निष्पक्ष और पारदर्शी वेतन प्रणाली, स्वास्थ्य कवर, दुर्घटना बीमा और पेंशन जैसे सोशल सिक्योरिटी लाभ, और मजदूरों के संगठित होने और सामूहिक रूप से मोलभाव करने के अधिकार की सुरक्षा की भी मांग की गई।

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