Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Yes Bank Q1 Results: जून तिमाही में यस बैंक का दमदार प्रदर्शन, मुनाफा बढ़ने के साथ NPA में आई बड़ी गिरावट

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sat, 22 Jul 2023 04:36 PM (IST)

    Yes Bank Q1 Results यस बैंक की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही से दमदार नतीजे पेश किए गए हैं। बैंक के मुनाफे बढ़कर 343 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं नेट एनपीए घटकर एक प्रतिशत रह गया है जो कि एक साल पहले 4.2 प्रतिशत था। बैंक का एंडवास में 10 प्रतिशत की बढ़त हुई है। (जागरण फाइल फोटो)

    Hero Image
    बैंक का ग्रॉस एनपीए दो प्रतिशत रह गया है।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Yes Bank June Quarter Results: निजी क्षेत्र के बैंक यस बैंक की ओर से शनिवार को जून तिमाही के नतीजे पेश किए गए। बैंक का मुनाफा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़कर 343 करोड़ रुपये हो गया है। इसके पीछे की वजह बेड लोन में गिरावट आना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैंक की आय 7500 करोड़ रुपये के पार

    चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यस बैंक की आय बढ़कर 7,584 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि एक साल पहले 5,876 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 की जून तिमाही में बैंक की ब्याज से आय बढ़कर 6,443 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि एक साल पहले 5,135 करोड़ रुपये थी।

    NPA में हुई गिरावट

    जून तिमाही में बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार हुआ है और ग्रॉस एनपीए घटकर 2 प्रतिशत रह गया है, जो कि एक साल पहले 13.4 प्रतिशत था। नेट एनपीए घटकर एक प्रतिशत रह गया है, पिछले साल समान अवधि में ये 4.2 प्रतिशत था।

    बैंक के सीईओ और एमजी प्रशांत कुमार की ओर से कहा गया कि रिजॉल्यूशन मजबूत बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1,201 करोड़ रुपये की रिकवरी देखने को मिली है।

    ब्याज से आय बढ़ी

    जून तिमाही में ब्याज से शुद्ध आय 8.1 प्रतिशत बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये हो गई है। बैंक का इंटरेस्ट रेट मार्जिन 10 आधार अंक 2.5 प्रतिशत हो गया है।

    साथ ही बैंक की नॉन-इंटरेस्ट इनकम 54 प्रतिशत बढ़कर 1,141 करोड़ रुपये हो गई है। तिमाही आधार पर इसमें 13.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

    एडवांस में 10 प्रतिशत की बढ़त हुई है। बैंक की रिटेल लोन बुक 31.3 प्रतिशत, एसएमई बुक 24.1 प्रतिशत और मिड-कॉरपोरेट बुक 28.9 प्रतिशत और लॉर्ज कॉरपोरेट बुक में 29 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इसके अलावा कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो बढ़कर 18.2 प्रतिशत हो गया है, जो कि एक साल पहले 17.5 प्रतिशत था।