भारतीय एमएसएमई के लिए खुलेंगे दुनिया के बाजार, विश्व व्यापार में बढ़ेगी भारत की सहभागिता
India MSMEs Sector दुनिया के सभी छोटे उद्यमियों को मिलेगा व्यापार का समान अवसरजी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में तीन मुद्दों पर बनी सहमति एमएसएमई की मदद के लिए वैश्विक व्यापार हेल्प डेस्क सभी देश अपने यहां के व्यापारिक अवसरों की देंगे जानकारी वैश्विक सप्लाई चेन के लिए मै¨पग फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

नई दिल्ली,जेएनएन डेस्क। दुनिया के सभी छोटे उद्यमियों को मिलेगा व्यापार का समान अवसरजी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में तीन मुद्दों पर बनी सहमति एमएसएमई की मदद के लिए वैश्विक व्यापार हेल्प डेस्क सभी देश अपने यहां के व्यापारिक अवसरों की देंगे जानकारी वैश्विक सप्लाई चेन के लिए फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। वैश्विक व्यापार अब दस्तावेज की जगह डिजिटल रूप में आ जाएगा।
भारतीय एमएसएमई की पहुंच हुई आसान
जी-20 समूह देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में लिए गए फैसले से भारतीय एमएसएमई के लिए दुनिया के बाजार की पहुंच अब आसान हो जाएगी। सभी मंत्रियों ने दुनिया के एमएसएमई की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अपने-अपने बाजार की सूचना व अवसरों के आदान-प्रदान को लेकर सहमति जताई है।
इस काम के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से वैश्विक व्यापार पोर्टल बनाया जाएगा और वैश्विक स्तर पर एमएसएमई के लिए हेल्पडेस्क भी शुरू किया जाएगा। सभी देश वैश्विक सप्लाई चेन को मजबूत करने और वस्तुओं की सप्लाई के विकल्प के लिए भी सहमत हो गए हैं। वहीं, अब वैश्विक व्यापार की प्रक्रिया डिजिटल रूप में पूरी की जाएगी। इसके बाद दस्तावेज का इस्तेमाल बंद हो जाएगा।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में सभी व्यापार मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक का आयोजन जयपुर में किया गया था। विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार में जी-20 देशों की हिस्सेदारी है।बैठक के समापन के बाद गोयल ने बताया कि जिन मुद्दों पर सहमति बनी है, उसे अगले महीने होने वाली जी20 देशों के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में रखा जाएगा और उसके बाद इन पर अमल शुरू होगा। उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठक के फैसले से हमारे देश के एमएसएमई को भी लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को व्यापार मंत्रियों की बैठक के संबोधन के दौरान वैश्विक व्यापार में बड़ी कंपनियों के वर्चस्व को लेकर चिंता जाहिर की थी। अब छोटे उद्यमियों को भी कम लागत में व्यापार का समान अवसर मिलेगा। एमएसएमई के समक्ष दुनिया के बाजार की सूचना का अभाव है जिससे उन्हें व्यापार का पूरा मौका नहीं मिलता है।
वैश्विक एजेंसियां विभिन्न भाषाओं में उन्हें सूचनाएं उपलब्ध कराएंगी और इस दौरान डाटा की निजता व उनकी सुरक्षा जैसी चीजों का ख्याल रखा जाएगा। पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक सप्लाई चेन के लिए फ्रेमवर्क तैयार होने से वैश्विक व्यापार में कुछ देशों का वर्चस्व नहीं बढ़ेगा। भारत की हिस्सेदारी अभी वैश्विक बाजार में कम है। इसके लिए सैकड़ों वैल्यू चेन तैयार होंगी और इससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी। इसके तहत इस बात का पता लगाया जाएगा कि किन-किन देशों में किन-किन वस्तुओं की उपलब्धता है ताकि उस वस्तु की सप्लाई का विकल्प हमेशा तैयार रहे।
तीसरा अहम फैसला व्यापारिक प्रक्रिया को डिजिटल रूप में करने को लेकर लिया गया है जिसके तहत डिजिटल इंफ्रा तैयार करने में कोई भेदभाव नहीं अपनाया जाएगा। सभी इलेक्ट्रॉनिक्स दस्तावेजों की सुरक्षा रहेगी और सदस्य देशों की मंजूरी से ही डाटा शेयर किया जाएगा।
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