Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वैश्विक व्यापार में MSMEs की हिस्सेदारी बढ़ाना भारत का लक्ष्य : प्रधानमंत्री मोदी

    By Jagran NewsEdited By: Shivani Kotnala
    Updated: Thu, 24 Aug 2023 08:12 PM (IST)

    जी20 की बैठक में विश्व व्यापार को दस्तावेज से मुक्त कर पूरी तरह से डिजिटल बनाने पर भी चर्चा की गई। माना ज इस मुद्दे पर सभी देश सहमत हो जाएंगे। ऐसा होता है तोसभी देश सहमत होते हैं तो वैश्विक स्तर पर सालाना 6.5 अरब डॉलर की बचत होगी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि महामारी से लेकर भू-राजनीतिक तनाव ने विश्व अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली है।

    Hero Image
    वैश्विक व्यापार में MSME की हिस्सेदारी बढ़ाना भारत का लक्ष्य

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों को वर्चुअल संबोधन में कहा कि वैश्विक व्यापार में एमएसएमई की हिस्सेदारी बढ़ाना भारत का लक्ष्य है। वैश्विक जीडीपी में एमएसएमई 50 प्रतिशत तो वैश्विक रोजगार में 60-70 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन एमएसएमई को टेक्नोलॉजी, वित्तीय साधन और बाजार की सूचनाएं आसानी से नहीं मिलती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत चाहता है कि एमएसएमई के लिए इन कमियों को दूर किया जाए। गुरुवार को 20 सदस्य देशों के साथ सात अतिथि देश व विश्व स्तरीय दर्जनों एजेंसियों की मौजूदगी में इन विषयों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए एमएसएमई का अर्थ है, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को अधिकतम सहयोग।

    विश्व व्यापार दस्तावेज से मुक्त होकर बनेगा डिजिटल

    जी20 की बैठक में विश्व व्यापार को दस्तावेज से मुक्त कर पूरी तरह से डिजिटल बनाने पर भी चर्चा की गई और उम्मीद है कि इस मुद्दे पर सभी देश सहमत हो जाएंगे। ऐसा होता है तो वैश्विक स्तर पर सालाना 6.5 अरब डॉलर की बचत होगी और व्यापार की लागत भी कम होगी।

    प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी से लेकर भू-राजनीतिक तनाव ने विश्व अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली है। जी 20 देशों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में विश्वास का पुनर्निर्माण करें। वैश्विक सप्लाई चेन की मजबूती पर भारत बार-बार इसलिए जोर दे रहा है ताकि किसी एक देश पर किसी वस्तु के लिए निर्भरता नहीं हो।

    वैश्विक सप्लाई चेन के लिए जेनरिक फ्रेमवर्क की जरूरत

    75 प्रतिशत व्यापार वैश्विक सप्लाई चेन की बदौलत होता है। इसलिए सभी देशों को पता रहना चाहिए कि फलां वस्तु और किन-किन देशों में उपलब्ध है ताकि जरूरत पड़ने पर उन देशों से वस्तु मंगाई जा सके।

    इन सुविधाओं को विकसित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने वैश्विक सप्लाई चेन के लिए एक जेनरिक फ्रेमवर्क बनाने की आवश्यकता बताई।

    व्यापार मंत्रियों की बैठक का नेतृत्व कर रहे गोयल

    व्यापार मंत्रियों की बैठक का नेतृत्व कर रहे वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत चाहता है कि व्यापार के संसाधनों पर पहला अधिकार विकासशील व पिछड़े देशों का होना चाहिए। भारत इसकी वकालत कर रहा है। जी 20 देशों की बैठक के साथ भारत अलग से सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक मुद्दों पर भी बात कर रहा है।

    गोयल ने बताया कि ब्रिटेन के साथ चल रहे व्यापारिक समझौते को लेकर बात की गई है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के साथ एक संतुलित और दोनों देशों के लिए समान अवसर वाला एफटीए किया जाएगा। हालांकि उन्होंने ब्रिटेन के साथ एफटीए वार्ता पूरी होने की समय सीमा नहीं बताई।