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    L&T चेयरमैन को लगेगा झटका! 60 घंटे से ज्यादा काम सेहत के लिए ठीक नहीं, आर्थिक सर्वे की भी मुहर

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 06:29 PM (IST)

    Work Life Balance आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि एक हफ्ते में 60 दिन से अधिक काम करना मानसिक सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसमें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अवसाद और चिंता के चलते सालाना लगभग 12 अरब दिन बर्बाद होते हैं। यह लगभग एक ट्रिलियन डॉलर के वित्तीय नुकसान के बराबर है।

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    वैश्विक स्तर पर अवसाद से सालाना लगभग एक ट्रिलियन डॉलर का वित्तीय नुकसान होता है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से भारत में वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है। एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने कुछ दिन पहले आम लोगों को हफ्ते में 90 घंटे काम करने की नसीहत दी थी। इस पर आर्थिक सर्वे में भी बात की गई है, जिसे शुक्रवार (31 जनवरी) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। आर्थिक में सर्वे में स्टडीज का हवाला देते हुए कहा गया कि एक हफ्ते में 60 घंटे से अधिक काम करने से सेहत पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।

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    कामकाजी घंटे पर क्या बोला आर्थिक सर्वे?

    इकोनॉमिक सर्वे का कहना है कि डेस्क पर लंबे समय तक बैठना मानसिक सेहत के लिए हानिकारक है। इसमें कहा गया कि जो शख्स डेस्क पर रोजाना 12 या इससे अधिक घंटे बिताते हैं, उनकी मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है। उनके तनाव में जाने का अंदेशा भी ज्यादा रहता है।

    किस स्टडी का दिया हवाला

    आर्थिक सर्वे में सैपियन लैब्स सेंटर फार ह्यूमन ब्रेन एंड माइंड की एक स्टडी का हवाला दिया। इसमें कहा गया, 'जो लोग डेस्क पर 12 या उससे अधिक घंटे बिताते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है। वे तनाव या अवसाद का शिकार भी हो सकते हैं।' वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक स्टडी का हवाला देते हुए सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अवसाद और चिंता के चलते सालाना लगभग 12 अरब दिन बर्बाद होते हैं। यह लगभग एक ट्रिलियन डॉलर के वित्तीय नुकसान के बराबर है।

    एक्सपर्ट की क्या है राय?

    आर्थिक सर्वे पर टिप्पणी करते हुए शार्दूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी की पार्टनर श्वेता श्राफ चोपड़ा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि यह कॉरपोरेट भारत में मानसिक स्वास्थ्य संकट पर ध्यान नहीं देने के गहन आर्थिक प्रभावों को रेखांकित करता है। श्राफ ने कहा, 'वर्कप्लेस कल्चर को बेहतर करने से ना केवल सेहतमंद जीवन शैली को बढ़ावा मिलता है, बल्कि कंपनी का मुनाफा भी बढ़ता है।'

    L&T चेयरमैन ने क्या कहा था?

    टेक्नोलॉजी से लेकर कंस्ट्रक्शन तक फैले ग्रुप लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उन्होंने कहा था कि लोगों को हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए। सुब्रह्मण्यन ने कहा था, "आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं?"। सुब्रह्मण्यन से पहले इन्फोसिस के फाउंडर एन नारायणमूर्ति भी कई बार एक हफ्ते में 70 घंटे काम की वकालत कर चुके हैं।

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