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    पॉलिसी रेट पर आने वाला है RBI का फैसला, आपकी EMI बढ़ेगी या घटेगी, जानें क्या कह रहे एक्सपर्ट

    RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय मीटिंग तीन अप्रैल से शुरू होगी। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा का एलान पांच अप्रैल को होगा। केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। आइए जानते हैं कि इस बार की MPC के बारे में एक्सपर्ट क्या अनुमान लगा रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 31 Mar 2024 04:54 PM (IST)
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    मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय मीटिंग तीन अप्रैल से शुरू होगी।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आर्थिक नजरिए से आने वाले हफ्ता काफी अहम रहने वाला है। इसमें रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा। हालांकि, जानकारों का मानना है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर जस के तस रख सकता है।

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    दरअसल, इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंताएं कम हुई हैं। दुनियाभर की तमाम ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों ने इसके 8 फीसदी के करीब रहने का अनुमान जताया है। ऐसे में RBI का फोकस महंगाई को चार फीसदी के लक्ष्य पर लाने पर हो सकता है, जो फिलहाल 5 फीसदी के आसपास है।

    दूसरे केंद्रीय बैंकों के नक्शेकदम पर चलेगा RBI?

    पिछले कुछ समय में अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों ने नीतिगत दर की समीक्षा की, लेकिन उसमें कोई बदलाव नहीं किया। वह फिलहाल 'देखो और इंतजार करो' वाले फलसफे पर चल रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने भी हाल में कहा कि केंद्रीय बैंक फिलहाल ब्याज दरों में कटौती को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। वह महंगाई के आंकड़े अपने मनमुताबिक होने तक इंतजार कर सकता है।

    विकसित देशों में स्विट्जरलैंड पहली बड़ी इकोनॉमी है, जिसने पॉलिसी रेट कट किया है। दुनिया की चौथी बड़ी इकोनॉमी जापान भी आठ साल बाद निगेटिव ब्याज दर खत्म करके एक सांकेतिक ऐतिहासिक बदलाव किया है।

    कब होगी मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग?

    RBI के गवर्नर की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय मीटिंग तीन अप्रैल से शुरू होगी। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा का एलान पांच अप्रैल को होगा। केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उस बाद से लगातार छह द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में यह जस की तस रखी गई है।

    बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, 'मुद्रास्फीति (inflation) अभी भी पांच प्रतिशत के दायरे में है। खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर आगे चलकर झटका लगने की आशंका है। ऐसे में हो सकता है कि केंद्रीय बैंक इस बार भी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव ना करे और उसे जस का तस बनाए रखे।'

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