क्या 1 अप्रैल 2026 से इनकम टैक्स के पास होगा आपके बैंक अकाउंट-ईमेल का एक्सेस? सरकार ने बता दिया सच
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक दावे में कहा जा रहा है कि 1 अप्रैल 2026 से इनकम टैक्स विभाग को आपके बैंक अकाउंट और ईमेल का एक्सेस मिल जाएगा। सरकार ने इ ...और पढ़ें

क्या 1 अप्रैल 2026 से इनकम टैक्स के पास होगा आपके बैंक अकाउंट-ईमेल का एक्सेस? सरकार ने बता दिया सच
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि 1 अप्रैल 2023 से आपके बैंक अकाउंट और ईमेल से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स का एक्सेस इनकम टैक्स के पास होगा। नए इनकम टैक्स एक्ट, 2025 को लेकर यह दावा किया जा रहा है।
नए इनकम टैक्स एक्ट, 2025 के तहत बढ़ी हुई निगरानी के बारे में ऑनलाइन फैल रहे दावों के बीच, यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या टैक्स अधिकारियों को 1 अप्रैल, 2026 से टैक्सपेयर्स के सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म की निगरानी करने की इजाजत दी जाएगी। इन अफवाहों पर सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि ऐसे दावे गुमराह करने वाले और गलत हैं। यानी यह दावा फेक है।
सरकार ने वायरल पोस्ट की बता दी सच्चाई
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक फैक्ट-चेक पोस्ट में, PIB फैक्ट चेक ने कहा कि ये दावे गुमराह करने वाले हैं। इसमें कहा गया है, "@IndianTechGuide की एक पोस्ट में दावा किया गया है कि 1 अप्रैल, 2026 से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास टैक्स चोरी रोकने के लिए आपके सोशल मीडिया, ईमेल और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म को एक्सेस करने का 'अधिकार' होगा। इस पोस्ट में किया जा रहा दावा गुमराह करने वाला है।"
PIB ने इस पोस्ट में आगे बताया कि इनकम टैक्स एक्ट 2025 की धारा 247 के प्रावधान सख्ती से सिर्फ सर्च और सर्वे ऑपरेशन तक सीमित हैं। जब तक कोई टैक्सपेयर बड़े टैक्स चोरी के सबूतों की वजह से किसी फॉर्मल सर्च ऑपरेशन से नहीं गुजर रहा होता, तब तक डिपार्टमेंट को उसके प्राइवेट डिजिटल स्पेस को एक्सेस करने का कोई अधिकार नहीं है।
A post by @IndianTechGuide claims that from April 1, 2026, the Income Tax Department will have the 'authority' to access your social media, emails, and other digital platforms to curb tax evasion.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 22, 2025
❌The claim being made in this post is #misleading! Here’s the real… pic.twitter.com/hIyPPcvALF
इस पोस्ट में आगे कहा गया कि इन शक्तियों का इस्तेमाल रूटीन जानकारी इकट्ठा करने/प्रोसेसिंग के लिए, या जांच के तहत मामलों के लिए भी नहीं किया जा सकता। ये उपाय खास तौर पर सर्च और सर्वे के दौरान काले धन और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी को टारगेट करने के लिए बनाए गए हैं, न कि रोजमर्रा के कानून मानने वाले नागरिक के लिए।
वहीं, टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि टैक्सपेयर्स के डिजिटल स्पेस तक पहुंच सिर्फ बड़े टैक्स चोरी के सबूतों के आधार पर औपचारिक रूप से मंजूर सर्च ऑपरेशन के दौरान ही दी जाती है, जबकि कुछ टैक्सपेयर्स और स्टेकहोल्डर्स ने इन प्रावधानों के दायरे के बारे में सवाल उठाए हैं।

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