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    कब करना होता है चेक के पीछे साइन, क्या है इसे लेकर नियम

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Mon, 21 Aug 2023 10:00 PM (IST)

    Cheque Signature Rules कई वित्तीय लेनदेन के लिए हम चेक का इस्तेमाल करते हैं। चेक भरते समय एक छोटी सी गलती हमारे चेक को बाउंस कर सकता है। ऐसे में हमें चेक को भरते समय काफी सतर्क रहना चाहिए। जब भी हम चेक को भरते हैं तो हमें चेक के पीछे भी साइन करना चाहिए। आइए जानते हैं कि आखिर हम चेक के पीछे क्यों साइन करते हैं?

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    कब करना होता है चेक के पीछे साइन

     नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज कई वित्तीय लेनदेन के लिए हमारे पास कई सुविधा मौजूद है। हम एटीएम , नेट बैंकिंग या फिर चेक के जरिये कोई भी लेनदेन कर सकते हैं। वैसे तो हमें कोई भी लेनदेन करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। एक छोटी सी गलती हमें नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आप चेक से पेमेंट करते हैं तो आपको काफी सतर्क रहना चाहिए। आपकी छोटी सी गलती आपके चेक को बाउंस कर सकती है। अगर ज्यादा चेक बाउंस होता है तो आप जेल भी जा सकते हैं।

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    आप जब भी चेक से कोई पेमेंट करते हैं तो आप चेक के पीछे भी साइन करते हैं। कई लोगों को नहीं पता है कि चक के पीछे साइन क्यों किया जाता है। आइए, इस सवाल का जवाब हम इस आर्टिकल में आपको देते हैं।

    चेक के पीछे क्यों साइन होता है

    हर चेक के पीछे साइन नहीं किया जाता है। जो बियरर्स चेक होते हैं, उनके पीछे ही साइन होता है। आपको बता दें कि बियरर्स चेक वो चेक होता है जो आप बैंक में जा कर जमा करवाते हैं। इस चेक में किसी व्यक्ति का नाम नहीं होता है। ऑर्डर चेक पर आपको चेक के पीछे साइन करने की जरूरत नहीं होती है। ऑर्डर चेक वो चेक होता है जिसमें आप बताते हैं कि आप किस व्यक्ति को पैसे ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ऑर्डर चेक में बैंक अधिकारी पहले जांच करते हैं उसके बाद ही पैसे ट्रांसफर करते हैं।

    बियरर्स चेक पर क्यों करते हैं पीछे साइन

    दरअसल, बियरर्स चेक में खतरा बना रहता है कि वह चेक कहीं चोरी का तो नहीं है। अगर बैंक उस चेक को एक्सेपट कर लेता है तो ऐसे में बैंक के खिलाफ कार्यवाही भी हो सकती है। इस वजह से बैंक चेक के पीछे साइन करवाता है। इस से यह सुनिश्चित हो जाता है कि बैंक ने पैसे ट्रांसफर कर दिया है। अगर कोई गलत व्यक्ति को ट्रांसफर हो जाता है तो उसमें बैंक की कोई गलती नहीं है।

    50,000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर बैंक ग्राहक से एड्रेस प्रूफ भी मांगता है। इसके बाद ही वह ग्राहक को पैसा देता है। कई बैंक आगे के साइन को वेरीफाई करने के लिए पीछे भी साइन करवाते हैं। अगर कोई व्यक्ति साइन के लिए मना करता है तो उसे कैश निकालने के लिए बैंक में फॉर्म भर कर आवेदन देना होता है।

    इन स्थिति में नहीं करना होता है चेक के पीछे साइन

    ऑर्डर या पेयी चेक के पीछे साइन नहीं करना होता है। इसके अलावा बियरर्स चेक पर भी कई बार साइन की आवश्यकता नहीं होती है। यह तब होता है जब ग्राहक खुद के अकाउंट से चेक के जरिये पैसा निकालते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति बियरर्स चेक के साथ कैश निकालने आता है तब चेक के पीछे साइन की जरूरत होती है।