ATM से क्यों नहीं मिल रहे 2000 के नोट, सरकार ने दी ये जानकारी
2000 Rupees In ATM एटीएम से 2000 रुपये के नोट नहीं मिलने के पीछे के कारणों के बारे में सरकार ने अपडेट जारी किया है। कुछ समय से एटीएम से 2000 रुपये के नोट मिलने बंद हो गए थे जिससे लग रहा था कि ये नोट बंद हो सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कुछ समय से खबर आ रही थी कि ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानी कि ATM से 2,000 के नोट मिलने बंद हो गए हैं, जिसके कारण ये आशंका जताई जा रही है कि 2,000 के नोट बंद हो सकते हैं। अब इसको लेकर सरकार ने अपडेट जारी कर दिया है और सोमवार को संसद में इस बात की जानकारी दी।
सरकार के मुताबिक, ATM में 2,000 रुपये के नोट भरने या न भरने के लिए बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है और कर्जदाता कैश वेंडिंग मशीनों को लोड करने के लिए अपनी पसंद खुद चुनते हैं। बैंक पिछले उपयोग, उपभोक्ता आवश्यकता, मौसमी प्रवृत्ति आदि के आधार पर एटीएम के लिए राशि और मूल्यवर्ग की आवश्यकता का अपना आकलन करते हैं।
तेजी से बढ़ रही है मांग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2017 के अंत तक 500 रुपये और 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का कुल मूल्य 9.512 लाख करोड़ रुपये था, जबकि मार्च 2022 के अंत तक यह मूल्य 27.057 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 31 मार्च, 2023 तक केंद्र सरकार के ऋण या देयताओं की कुल राशि लगभग 155.8 लाख करोड़ रुपये अनुमान की गई है, जो भारत की कुल जीडीपी का 57.3 प्रतिशत है।
विनिमय दर स्थिर करने की कोशिश
वित्त मंत्री के मुताबिक, मौजूदा विनिमय दर पर अनुमानित बाहरी ऋण 7.03 लाख करोड़ रुपये है, जो जीडीपी का 2.6 प्रतिशत है। वहीं, बाहरी ऋण का हिस्सा केंद्र सरकार के कुल ऋण/देयताओं का लगभग 4.5 प्रतिशत और जीडीपी के 3 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में बाहरी ऋण ज्यादातर बहुपक्षीय और द्विपक्षीय एजेंसियों द्वारा रियायती दरों पर फाइनेंस किया जाता है।
आरबीआई ने सरकार के परामर्श से हाल ही में विनिमय दर की अस्थिरता और वैश्विक स्पिलओवर को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा फंडिंग (forex funding) के स्रोतों में विस्तार करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
विदेशी मुद्रा फंडिंग को बढ़ाने पर हो रहा काम
विदेशी मुद्रा फंडिंग को बढ़ाने के लिए एफसीएनआर (बी) और एनआरई डिपॉजिट को 31 अक्टूबर, 2022 तक ब्याज दरों पर मौजूदा नियमन से छूट दी गई थी। इसके तहत वाणिज्यिक उधार सीमा को बढ़ाकर 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर कर दिया गया है और 31 दिसंबर, 2022 तक चुनिंदा मामलों में समग्र लागत सीमा को 100 आधार अंकों तक बढ़ा दिया गया है। वही, भारत से निर्यात की वृद्धि को बढ़ावा के लिए आरबीआई ने आयात-निर्यात के चालान, भुगतान और निपटान के लिए एक अतिरिक्त व्यवस्था की है।