इतने रुपये की चोरी पर पुलिस नहीं करती है कोई कार्रवाई, जानिए इससे जुड़ा नियम
आजकल पैसों से जुड़े चोरी के कई केस आते हैं। चोरी होने पर हम यहीं सोचते हैं कि इसकी शिकायत थाने पर जाकर करेंगे। लेकिन तब क्या हो जब पुलिस शिकायत दर्ज करने से मना कर दें। भारतीय न्याय संहिता 303 (2) के तहत एक लिमिट तय की गई है। अगर इस लिमिट से पैसे कम होते हैं तो शिकायत दर्ज नहीं की जाती है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पैसों की चोरी हो जाना आम बात है। बस, मेट्रो यहां तक कि घर समेत कोई भी जगह चोरी के मामले में सुरक्षित नहीं है। पैसों की चोरी होने पर हम तुरंत शिकायत दर्ज करने के बारे में सोचते हैं। लेकिन पैसों की चोरी होने की शिकायत दर्ज की जाएगी या नहीं, ये एक नियम द्वारा तय किया जाता है।
भारतीय न्याय संहिता 303 (2) के तहत बताया गया है कि कितने पैसे चोरी होने पर आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
कितने पैसे चोरी होने पर शिकायत होती है दर्ज?
भारतीय न्याय संहिता 303 (2) के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के 5000 या इससे ज्यादा चोरी हो जाते हैं, तो ही पुलिस विभाग में शिकायत दर्ज की जा सकती है। अगर चोरी होने वाला अमाउंट इससे कम रहता है, तो थाने में शिकायत दर्ज करने से मना किया जा सकता है।
5000 रुपये से कम चोरी होने पर क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति के 5000 रुपये से कम चोरी हो जाए, तो आप इस्तगासा न्यायालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर न्यायालय द्वारा पुलिस को जांच का आदेश दिया जाता है तो ही पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
डिजिटल चोरी से भी रहें सावधान
इस डिजिटल जमाने में हर एक चीज मोबाइल से ही होने लगी है। आज आप 2 लाख रुपये तक लेन-देन मोबाइल के जरिए कर सकते हैं। इसके लिए आपको कैश की जरूरत नहीं है। लेकिन इसमें धोखाधड़ी होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
ऐसे में आप ये ध्यान रखें कि किसी से भी यूपीआई पिन कोड शेयर न करें। स्कैमर्स आपके परिवार वाले बनकर, सर्विस सेंटर का कर्मचारी बनकर या कई अन्य तरह से पैसे लेने की कोशिश करते हैं। बस ये ध्यान रखना होगा कि किसी भी परिस्थिति में पिन कोड न शेयर किया जाए। इस तरह से आप डिजिटल धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
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