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    महंगी टाउनशिप, बेहतरीन कनेक्टिविटी और 500 कंपनियां... गुरुग्राम क्यों बना भारत का कॉरपोरेट और लग्जरी रियल एस्टेट हब?

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 08:41 PM (IST)

    Gurugram में आज 500 से ज्यादा बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं। आईटी फाइनेंस कंसल्टिंग टेलीकॉम और ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनियों की यहां मौजूदगी है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गुरुग्राम की तरक्की का सबसे बड़ा आधार है- उसका इंफ्रास्ट्रक्चर। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे द्वारका एक्सप्रेसवे साउदर्न पेरिफेरल रोड (SPR) और मेट्रो कनेक्टिविटी ने शहर को दिलली-NCR से बखूबी जोड़ दिया है। जिसने इसे कॉरपोरेट का हब बना दिया है।

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    दिल्ली से सटा गुरुग्राम क्यों बना भारत का कॉरपोरेट और लग्जरी रियल एस्टेट हब?

    नई दिल्ली| करीब 15 लाख की आबादी वाला हरियाणा का गुरुग्राम, जो आज भारत का सबसे बड़ा कॉरपोरेट और लग्जरी रियल एस्टेट बन चुका है। दिल्ली से लगा यह शहर कभी उपग्रह नगर था, लेकिन अब यह देश-विदेश की बड़ी कंपनियों और लग्जरी जीवनशैली का केंद्र बन गया है। गुरुग्राम में आज 250 से ज्यादा फॉर्च्यून 500 कंपनियों के ऑफिस हैं।

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    आईटी, फाइनेंस, कंसल्टिंग, टेलीकॉम और ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनियों ने यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, एक्सेंचर, केपीएमजी, ईवाई, अमेरिकन एक्सप्रेस, बीएमडब्ल्यू, मारुति सुजुकी और हीरो मोटो कॉर्प जैसी कंपनियां गुरुग्राम (Gurugram) को अपनी कारोबारी गतिविधियों का बड़ा केंद्र मानती हैं।

    युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए भी यह शहर आकर्षण का केंद्र बन चुका है। को-वर्किंग स्पेसेज और आधुनिक वर्क कल्चर ने इसे नए व्यवसायों के लिए आदर्श जगह बना दिया है। आलम यह है कि अब इसे 'मिलेनियम सिटी ऑफ इंडिया' (millennium city of india) भी कहा जाता है। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसे क्या हुआ, जो गुरुग्राम की डिमांड तेजी से बढ़ने लगी? तो चलिए जानते हैं। 

    लग्जरी लाइफस्टाइल का नया चेहरा

    गुरुग्राम में लग्जरी हाउसिंग की मांग लगातार बढ़ रही है। यहां के घर सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि एक अनुभव देने वाले स्पेस हैं। गोल्फ कोर्स रोड और साइबर सिटी जैसे इलाके अब शहर की पहचान बन चुके हैं। यहां के अपार्टमेंट्स में स्मार्ट होम फीचर्स, क्लब हाउस, कॉन्सियर्ज सर्विस और 24 घंटे सुरक्षा जैसी सुविधाएं आम हैं।

    यह भी पढ़ें- Noida vs Greater Noida: दोनों में किसकी डिमांड, कौन ज्यादा बेहतर? कनेक्टिविटी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तक समझें सबकुछ

    एनआरआई (NRI), एचएनआई (HNI) और कॉरपोरेट एक्जीक्यूटिव्स के लिए गुरुग्राम अब सबसे पसंदीदा एड्रेस बन चुका है, क्योंकि यह कॉरपोरेट पार्क, अंतरराष्ट्रीय स्कूलों, मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स और प्रीमियम शॉपिंग डेस्टिनेशंस से करीब है।

    बेहतरीन कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर

    एलीटप्रो इन्फ्रा के को-फाउंडर और एमडी रॉबिन पाहुजा बताते हैं कि गुरुग्राम की तरक्की का सबसे बड़ा आधार उसका इंफ्रास्ट्रक्चर है। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेसवे, साउदर्न पेरिफेरल रोड (SPR) और मेट्रो कनेक्टिविटी ने शहर को दिल्ली और आस-पास के इलाकों से बखूबी जोड़ दिया है। आने वाले समय में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) जैसी परियोजनाएं इसे और मजबूत बनाएंगी। इन सब वजहों से गुरुग्राम निवेश और रोजगार दोनों के लिए आकर्षक बन गया है।

    सरकार की नीतिगत सुधारों से बढ़ा निवेश

    सरकार की उदारीकृत एफडीआई नीतियां, रेरा (RERA) कानून, और जीएसटी जैसे सुधारों ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। दिल्ली के पास और हरियाणा के इंडस्ट्रियल बेल्ट में स्थित होने के कारण यहां प्रॉपर्टी में निवेश करना अब और भी सुरक्षित और लाभदायक माना जाता है।

    सस्टेनेबल लिविंग की ओर रुझान

    अब लग्जरी खरीदार सिर्फ आलीशान घर नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील घर चाहते हैं। ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग्स, रैन वाटर हार्वेस्टिंग और एनर्जी-एफिशिएंट कंस्ट्रक्शन यहां नई पहचान बना रहे हैं। तेजी से बढ़ते इस शहर के सामने ट्रैफिक, पब्लिक सर्विसेज़ और सस्टेनेबल विकास जैसी चुनौतियां हैं। अगर इन पर ध्यान दिया गया, तो गुरुग्राम लंबे समय तक भारत की लग्जरी और कॉरपोरेट राजधानी बना रहेगा रहेगा।

    आर्थिक विकास और शहरी सोच का प्रतीक

    नतीजा साफ है- गुरुग्राम सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि अवसरों का दरवाजा बन चुका है। यह भारत के आर्थिक विकास, शहरी सोच और आधुनिक जीवनशैली का प्रतीक है। क्योंकि 1990-2000 के दशक में इसकी तेजी से शहरीकरण और विकास हुआ।

    दिल्ली के निकट होने से यह कॉर्पोरेट, आईटी और फाइनेंशियल हब बन गया। मल्टीनेशनल कंपनियां, शॉपिंग मॉल्स, लग्जरी आवास और इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसे आधुनिक शहर का प्रतीक बना दिया। हालांकि, बुनियादी सुविधाओं की कमी भी चर्चा का विषय है।