आखिर सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचे HDFC के CEO शशिधर जगदीशन? 2,00,00,000 का पूरा मामला क्या है, कब है सुनवाई? जानें सब कुछ
HDFC CEO FIR लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने HDFC बैंक के CEO शशिधर जगदीशन के खिलाफ FIR की थी। जिसमें उन पर ट्रस्टर के पूर्व मेंबर से 2.05 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है। अब ट्रस्ट की FIR के खिलाफ जगदीशन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। सुनवाई शुक्रवार को होगी।
नई दिल्ली| देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC के CEO और MD शशिधर जगदीशन (Sashidhar Jagdishan) लीलावती ट्रस्ट ( Lilavati Trust FIR) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने ट्रस्ट की शिकायत पर दर्ज FIR को चुनौती दी है। इस FIR में ट्रस्ट ने उन पर धोखाधड़ी और रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। गुरुवार को इस मामले पर जगदीशन के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court hearing) से तत्काल सुनवाई की मांग की। फिलहाल जस्टिस एमएम सुंदरेश और के विनोद चंद्रन की बेंच ने मामले को शुक्रवार के लिए लिस्ट किया है।
क्या है पूरा मामला?
लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट का आरोप है कि जगदीशन ने उनके पूर्व मेंबर से 2.05 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। ट्रस्ट के मौजूदा ट्रस्टी प्रशांत मेहता का आरोप है कि ये रकम पूर्व ट्रस्टी चेतन मेहता ने दी थी, ताकि उनके पिता को परेशान किया जा सके। हालांकि, HDFC ने इन आरोपों को 'बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण' बताया था।
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ट्रस्ट का दावा है कि जगदीशन ने बैंक के प्रमुख के तौर पर अपनी पोजीशन का दुरुपयोग कर एक चैरिटेबल संगठन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया। जिसके बाद 30 मई को मुंबई के बांद्रा मजिस्ट्रेड कोर्ट के आदेश पर बांद्रा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। इसमें धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और पब्लिक सर्वेंट द्वारा विश्वासघात के आरोप लगाए गए हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट का सुनवाई से इनकार
शशिधर जगदीशन के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में इस FIR को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि यह FIR लीलावती अस्पताल के दो ट्रस्टी ग्रुप्स के बीच लड़ाई का नतीजा है। उन्होंने बताया कि बैंक को ट्रस्ट से पैसे वसूलने हैं और उन्होंने बैंक पर दबाव बनाने के लिए FIR दर्ज की है।
जगदीशन ने इस FIR को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की थी। लेकिन वहां तीन बेंचों ने सुनवाई से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट में अगली तारीख 14 जुलाई की मिली है, जिससे बैंक को रोज नुकसान हो रहा है।
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ट्रस्ट की मांग- CBI जांच हो
ट्रस्ट ने हाई कोर्ट में CBI जांच की मांग भी की है। उसका कहना है कि 2.05 करोड़ की रिश्वत ट्रस्ट को लूटने और चेतन मेहता ग्रुप के पक्ष में फैसले कराने की साजिश का हिस्सा था। ट्रस्ट का कहना है कि उनके पास जगदीशन के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। इसमें एक डायरी भी शामिल है। ट्रस्ट का दावा है कि इस डायरी में कथित तौर पर 14 करोड़ 42 लाख रुपए की हेराफेरी का जिक्र है। जिसमें से 2.04 करोड़ बतौर रिश्वत जगदीशन को दिए गए।
जगदीशन को बर्खास्त करने की मांग
ट्रस्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, SEBI और वित्त मंत्रालय से उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है। ट्रस्ट का कहना है कि जगदीशन ने अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल किया और सबूतों को दबाने की कोशिश की। बता दें कि शशिधर जगदीशन साल 1996 से HDFC बैंक के साथ हैं। उन्हें साल 2020 में HDFC का CEO और MD बनाया गया था। वह इससे पहले बैंक में CFO रह चुके हैं।
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