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    अमेरिका में क्यों डूब रहे हैं बैंक; भारत में क्या होगा इसका असर, नुकसान से बचने के लिए कौन से उपाय करें

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sun, 19 Mar 2023 05:38 PM (IST)

    Why are US Banks Falling पिछले दिनों अमेरिका में सिल्वरगेट कैपिटल कॉर्प सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूब चुके हैं। वहीं स्विस बैंक क्रेडिट सुइस पर आर्थिक संकट के बादल छाए हुए हैं। आइए जानते हैं इसका आप क्या असर होगा। (जागरण फाइल फोटो)

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    Why is us bank falling main reasons

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्तीय बाजारों में इन दिनों काफी उठापटक मची हुई है। 2008 के बाद पहली बार दुनिया के बैंकिंग सेक्टर में इतनी हलचल है। इस कारण लोगों के मन में काफी दुविधा की स्थिति आखिरी ऐसा क्यों हो रहा है और इसका आम लोगों के जीवन पर क्या असर होगा।

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    अमेरिका में डूबे बैंक

    अमेरिका में पिछले कुछ दिनों में तीन बैंक सिल्वरगेट कैपिटल कॉर्प, सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक धराशायी हो चुके हैं। वहीं, एक अन्य फर्स्ट रिपब्लिक बैंक भी आर्थिक संकट में फंसा हुआ है, जिस कारण उसके शेयर में 70 प्रतिशत की गिरावट आ रही है। हालांकि, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को अन्य बड़े बैंकों से 30 अरब की राशि दी गई है, जिससे इस बैंक की आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार आया है।

    इसके अलावा नुकसान में चल रहा यूरोपीय बैंक क्रेडिट सुइस से भी निवेशकों ने हाथ पीछे खींच लिए, जिसके बाद इसको लेकर भी चिंता जताई जा रही है।

    ऐसा क्यों हो रहा है?

    अमेरिका समेत दुनिया के लगभग सभी देश पिछले एक साल से महंगाई से जूझ रहे हैं। इस कारण अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड के साथ दुनिया के देशों ने ब्याज दरों में इजाफा करना शुरू कर दिया। इस वजह से लोगों के लिए कर्ज लेना पहले के मुकाबले महंगा हो गया और खपत कम होने से अर्थव्यवस्था भी धीमी होने लगी। इसी ने बैंकों की अर्थिक स्थिति को खराब कर दिया।

    क्या होगा आम जनता पर असर?

    जानकारों का कहना है कि अमेरिका में बैंकों के डूबने का भारत पर बहुत अधिक असर नहीं होगा। क्योंकि जिन बैंकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका भारत में कारोबार काफी सीमित है। हालांकि क्रेडिट सुइस में अगर दिक्कतें आती हैं, तो अमेरिकी बैंकों के मुकाबले इसका प्रभाव अधिक होगा।

    साथ ही बताया कि अमेरिका में बैंक डूबने के कारण पिछले एक साल से लगातार बढ़ रही ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व कुछ समय के लिए रोक लगा सकता है। इस कारण कुछ समय के लिए लोगों को बढ़ती ब्याज दरों से राहत मिल जाएगी। हालांकि, अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम में और अधिक परेशानी आती है, तो फिर इसका दुनिया के शेयर बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।