Jim Simons: कौन थे जिम सिमंस, जिन्होंने आम लोगों के लिए बनाई 'पैसा छापने की मशीन'
अमेरिका मशहूर हेज फंड मैनेजर गणितज्ञ और परोपकारी शख्सियत के मालिक जिम का शनिवार (11 मई) को निधन हो गया। वह 86 साल के थे। वह पहले गणितज्ञ थे लेकिन जब उन्होंने निवेश की दुनिया में कदम रखा तो फाइनेंशियल वर्ल्ड को ट्रेडिंग की नई ऊंचाइयां दिखाई। उनके मेडेलियन फंड ने तीन दशकों तक 60 फीसदी से अधिक का औसत रिटर्न दिया।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर कोई सवाल करे कि दुनिया का सबसे बड़ा निवेशक कौन है, तो ज्यादा लोगों का जवाब होगा बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफे। लेकिन एक शख्स था, जिसने अपनी मैथ के भरोसे बफे से भी ज्यादा रिटर्न कमाया। उसका नाम था, जिम सिमंस (Jim Simons)।
अमेरिका मशहूर हेज फंड मैनेजर, गणितज्ञ और परोपकारी शख्सियत के मालिक जिम का शनिवार (11 मई) को निधन हो गया। वह 86 साल के थे। वह पहले गणितज्ञ थे। लेकिन, जब उन्होंने निवेश की दुनिया में कदम रखा, तो फाइनेंशियल वर्ल्ड को ट्रेडिंग की नई ऊंचाइयां दिखाई।
कैसे सफल हुए सिमंस?
सिमंस ने 1980 के दशक में कंप्यूटर-आधारित एक गणितीय नजरिया (Quantitative Approach) अपनाया। यह सही मायने में ट्रेडिंग की दुनिया में नई क्रांति की शुरुआत थी। बाद में बहुत से निवेशक इसी रास्ते पर चले। सिमंस ने मार्केट में कमाई के मामले में लगातार अव्वल रहने के लिए ट्रेडिंग एल्गोरिदम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया।

इसका सिमंस को भरपूर फायदा हुआ। उन्होंने अच्छा रिटर्न के पाने के मामले में अपने मुल्क के ही वॉरेन बफे (Warren Buffett) और जॉर्ज सोरोस (George Soros) जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया, जिन्हें निवेश की दुनिया का शाहकार माना जाता है।
हैरतंगेज रिटर्न का रिकॉर्ड
जिम सिमंस ने रेनेसां (Renaissance) की नींव रखी, जो दुनिया के सबसे कामयाब हेज फंड में से एक है। इसके मेडेलियन फंड ने तीन दशकों तक 60 फीसदी से अधिक का औसत रिटर्न दिया। कई लोगों के लिए इस पर भरोसा करना भी मुश्किल है। उनका फंड निवेशकों के बीच 'पैसा छापने वाली मशीन' के रूप में मशहूर था।
सरकार के लिए भी काम
सिमंस ने सोवियत संघ से शीत युद्ध (Cold War) के समय अमेरिकी सरकार के लिए कोड ब्रेकर का भी काम किया। हालांकि, उन्होंने कभी यह नहीं बताया कि अपने सबसे प्रसिद्ध फंड- मेडेलियन को एसएंडपी 500 इंडेक्स की तुलना में चार गुना से अधिक रिटर्न देने वाला फंड कैसे बनाया। 1988 से 2023 तक इस फंड से मिले रिटर्न की बदौलत सिमंस और उनके तीन सहयोगी अरबपति बन गए।
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परोपकारी थे सिमंस
सिमंस मेडिकल, एजुकेशन और साइंस रिसर्च के बड़े कद्रदान थे। उन्होंने इन सब में अरबों डॉलर का दान दिया। उन्होंने अमेरिकी लोकतंत्र को मजबूत करने लिए भी काफी पैसा दिया। फोर्ब्स के मुताबिक, सिमंस की नेट वर्थ करीब 2.84 लाख करोड़ रुपये थी।
सिमंस ने अपनी जिंदगी के आखिरी वर्षों में कहा था, 'गणित इकलौती चीज थी, जो मुझे पसंद थी। मैंने इसकी बदौलत ढेर सारा पैसा कमाया और लगभग सारा दान भी दे दिया। यही मेरे जीवन की कहानी है।'
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