40-50 साल बाद जब आपके फ्लैट की बिल्डिंग हो जाएगी कमजोर, तो कौन बनवाएगा दोबारा? किसे उठाना होगा खर्च
आजकल लोग जमीन के बजाय फ्लैट या अपार्टमेंट (Flat Buyer) खरीदते हैं क्योंकि जमीन से घर खरीदना काफी महंगा है। हर बिल्डिंग की एक उम्र होती है इसलिए एक समय बाद बिल्डिंग कमजोर हो जाएगी। पूरी बिल्डिंग के रिकंस्ट्रक्शन का खर्च फ्लैट-अपार्टमेंट के सभी मालिकों को मिलकर उठाना होगा। यदि फ्लैट का मालिक जीवित नहीं है तो जिसके पास फ्लैट होगा उसे खर्च उठाना होगा।

नई दिल्ली। आपने देखना होगा कि अब ज्यादातर लोग फ्लैट या अपार्टमेंट खरीदते हैं। जबकि पहले समय में लोग जमीन से घर खरीदा करते थे या जमीन खरीदकर उस पर घर बनवाया करते थे। समय बदल गया और लोग जमीन से घर के बजाय फ्लैट या अपार्टमेंट की तरफ चले गए।
इसकी क्या वजह है? दरअसल जमीन से घर खरीदना बहुत महंगा हो गया है और लोगों के बजट से बाहर हो गया है। जमीन की कम उपलब्धता के चलते किफायती होने के कारण लोग फ्लैट खरीदते हैं। पर हर बिल्डिंग की एक उम्र होती है। जिस बिल्डिंग में आपका फ्लैट या अपार्टमेंट है, वो भी एक समय बाद कमजोर, पुरानी और खराब हो जाएगी। तो तब उसे कौन बनवाएगा? आइए जानते हैं इसका जवाब।
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100 साल बाद क्या होगा
आपने देखा होगा कि कई जगह पुराने फ्लैट खराब स्थिति में होते हैं। आपकी फ्लैट बिल्डिंग भी एक समय खराब और जर्जर होगी। मान लीजिए 100 साल बाद वो बिल्डिंग जर्जर होती है तो उसे कौन बनवाएगा? अपना घर हो तो सारी जिम्मेदारी घर के मालिक की। पर फ्लैट में कोई एक मालिक नहीं होता और इसीलिए ये सवाल उठता है।
कौन कराता है छोटी-मोटी रिपेयर
फ्लैट या अपार्टमेंट में छोटी-मोटी रिपेयर की बात आए तो फ्लैट का मालिक ही करा। कुछ मामलों में ये जिम्मेदारी बिल्डर की होती है।
सबको मिलकर उठाना होगा खर्च
जब पूरी बिल्डिंग के रिकंस्ट्रक्शन की बात आए तो ये काम एक व्यक्ति का नहीं है। उस बिल्डिंग के कमजोर या जर्जर हो जाने पर अगर तोड़कर बनाया जाएगा तो उसे बनवाने का खर्च फ्लैट-अपार्टमेंट के सारे मालिकों को मिलकर उठाना होगा।
अगर फ्लैट का मालिक जीवित न रहे तो...
100 साल बाद या तब जब फ्लैट वाली बिल्डिंग को तोड़कर बनवाने की नौबत आ जाए और किसी फ्लैट या अपार्टमेंट का मालिक जीवित न हो तो क्या होगा? उस स्थिति में जिस व्यक्ति के पास फ्लैट होगा, उसे खर्चा उठाना होगा। यानी अगर पिता की मौत के बाद फ्लैट बेटे के पास है तो उसे खर्च उठाना होगा।
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