कौन हैं RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा, जिन्होंने जनता को दिया सस्ती ब्याज दर का तोहफा
RBI Governor Sanjay Malhotra आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कटौती करके जनता को खास तोहफा दिया है। मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। मल्होत्रा ने 11 दिसंबर 2024 को आरबीआई गवर्नर का पद संभाला है। उनका कार्यकाल तीन साल का है। मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर के रूप में काम कर रहे हैं।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) मीटिंग में जनता को बड़ी राहत दी है। उन्होंने अगुआई में RBI MPC ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। यह कटौती करीब 5 साल बाद हुई है। इससे पहले आरबीआई ने आखिरी बार मई 2020 यानी कोरोना काल में ब्याज दरों में कटौती की थी। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा कौन हैं, जिन्होंने जनता की EMI कम करने का रास्ता खोला है।
कौन है संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra)?
संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह मूलत: राजस्थान के ही हैं। केंद्र सरकार ने मल्होत्रा को अक्टूबर 2022 में रेवेन्यू डिपार्टमेंट में नियुक्त किया था। इससे पहले वह वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर सेवा दे रहे थे। मल्होत्रा सरकारी कंपनी REC लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी भी रह चुके हैं।
संजय मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है। उनके पास प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री भी है। मल्होत्रा ने अपने तीन दशक के करियर में पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे क्षेत्रों में सेवा दी है।
शक्तिकांत दास की जगह बने हैं RBI गवर्नर
संजय मल्होत्रा को पिछले साल के आखिर यानी दिसंबर 2024 में आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली थी, जो 6 साल पद पर रहने के बाद रिटायर हुए थे। सरकार ने शक्तिकांत दास को सेवा विस्तार नहीं दिया था, क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि ब्याज दर कटौती के मुद्दे पर सरकार और शक्तिकांत के बीच मतभेद है। उसके बाद संजय मल्होत्रा को आरबीआई गवर्नर बनाया गया।
मलहोत्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के के पसंदीदा नौकरशाहों में गिने जाते हैं। उन्होंने बजट 2024 को तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उनके पास वित्त से जुड़े कामकाज को संभालने का लंबा तजुर्बा है। रिजर्व बैंक का कामकाज सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स देखते हैं। मल्होत्रा के पास इसका भी अनुभव है।
कितना लंबा है मल्होत्रा का कार्यकाल
मल्होत्रा ने 11 दिसंबर 2024 को आरबीआई गवर्नर का पद संभाला है। उनका कार्यकाल तीन साल का है। मल्होत्रा आरबीआई के 26वें गवर्नर के रूप में काम कर रहे हैं।
मल्होत्रा ने रेट कट करके जनता को काफी बड़ा तोहफा दिया है, लेकिन अभी उनके सामने चुनौतियों का भंडार है। रुपया अपने ऑल टाइम लो-लेवल पर है। जीडीपी ग्रोथ सुस्त पड़ रही है। महंगाई को काबू में रखने का भी दबाव है। ऐसे में देखने वाली बात रहेगी कि मल्होत्रा बतौर आरबीआई गवर्नर इन चुनौतियों से कैसे निपटेंगे।
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