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    खुशखबरी! अब सस्ता होगा होम और कार लोन; RBI ने 5 साल बाद घटाई Repo Rate

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 10:26 AM (IST)

    आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती करने के बाद होम लोन कार लोन और बाकी कई अन्य लोन भी सस्ते हो जाएंगे। अगर अपने फ्लोटिंग रेट पर होम या कार लोन लिया है तो उसकी EMI भी कम हो जाएगी। केंद्रीय बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय टैक्स फ्री होने के बाद यह फरवरी 2025 में आम जनता के लिए दूसरी बड़ी राहत है।

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    आरबीआई बैंकों को जिस रेट पर उधार देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर (RBI Governor) संजय मल्होत्रा ने नीतिगत ब्याज दरों (Repo Rate Cut) में कटौती करके जनता को बड़ी राहत है। उनकी अगुआई में हुई RBI की MPC में करीब पांच साल बाद कटौती करने का फैसला किया गया है। उसने नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। अब नीतिगत ब्याज दर 6.5 से घटकर 6.25 हो जाएगी।

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    आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती करने के बाद होम लोन, कार लोन और बाकी कई अन्य लोन भी सस्ते हो जाएंगे। अगर अपने फ्लोटिंग रेट पर होम या कार लोन लिया है, तो उसकी EMI भी कम हो जाएगी। केंद्रीय बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय टैक्स फ्री होने के बाद यह फरवरी 2025 में आम जनता के लिए दूसरी बड़ी राहत है।

    RBI के फैसले से कैसे सस्ता होगा लोन?

    सभी बैंक लोन देने के लिए आरबीआई से पैसे उधार लेते हैं। आरबीआई उन्हें जिस रेट पर उधार देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। अब मान लीजिए कि रेपो रेट 6 फीसदी है, अब जब बैंकों को ही 6 फीसदी आरबीआई से कर्ज मिलेगा, तो वह इससे सस्ती दर पर लोन नहीं दे सकेंगे। उन्हें बल्कि लोन इससे महंगा देना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अपनी कमाई लागत भी देखनी होगी।

    इसलिए जब भी आरबीआई रेपो रेट में कमी या बढ़ोतरी करता है, तो बैंक भी उसी हिसाब से कर्ज सस्ता या महंगा करते हैं। जैसे कि इस बार आरबीआई ने रेपो रेट कम किया है। इससे बैंकों को केंद्रीय बैंक से सस्ता कर्ज मिलेगा और वे इसका फायदा ब्याज दर घटाकर आम जनता को भी देंगे। इससे आपके लिए कार लोन, होम लोन या फिर पर्सनल लोन लेना सस्ता हो जाएगी। और आपकी EMI (इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट) में भी कमी आएगी।

    आखिरी बार कब घटी थी ब्याज

    आरबीआई ने इससे पहले आखिरी बार मई 2020 में कोरोना महामारी के समय रेपो रेट में 0.40 फीसदी कटौती की थी। उस वक्त यह चार फीसदी पर आ गई थी। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक अनिश्चितता बढ़ी और आरबीआई ने जोखिमों से निपटने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया। यह फरवरी 2023 में जाकर रुका था। उसके बाद ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

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